राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की ANS वाघशीर यात्रा, भारतीय नौसेना की शक्ति का ऐतिहासिक संदेश

Mon 29-Dec-2025,11:30 AM IST +05:30

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की ANS  वाघशीर यात्रा, भारतीय नौसेना की शक्ति का ऐतिहासिक संदेश राष्ट्रपति-द्रौपदी-मुर्मु,-राष्ट्रपति-डॉ.-एपीजे-अब्दुल-कलाम-के-बाद-पनडुब्बी-में-यात्रा-करने-वाली-दूसरी-राष्ट्रपति-हैं।
  • कालवरी श्रेणी की पनडुब्बी में राष्ट्रपति की पहली यात्रा आत्मनिर्भर भारत और मजबूत रक्षा नेतृत्व का प्रतीक बनी।

  • नौसेना प्रमुख की मौजूदगी में हुआ भ्रमण, सैन्य नेतृत्व और सर्वोच्च कमांडर के बीच समन्वय को दर्शाता है।

Karnataka / Bangalore Rural :

कर्नाटक/ भारत की राष्ट्रपति एवं सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने पश्चिमी तट पर स्वदेशी पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर में समुद्री यात्रा कर इतिहास रच दिया। यह पहली बार है जब किसी राष्ट्रपति ने स्वदेशी कालवरी श्रेणी की पनडुब्बी में सैन्य परिचालन परिस्थितियों में भ्रमण किया। इस अवसर पर नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी भी उनके साथ उपस्थित थे।

28 दिसंबर 2025 को कर्नाटक के कारवार नौसेना बंदरगाह से प्रारंभ हुई इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति ने दो घंटे से अधिक समय तक पनडुब्बी के भीतर रहकर परिचालन गतिविधियों का अवलोकन किया। उन्होंने चालक दल के अधिकारियों और नाविकों से संवाद कर उनकी प्रशिक्षण क्षमता, तकनीकी दक्षता और मिशन तत्परता की जानकारी ली।

राष्ट्रपति ने आगंतुक पुस्तिका में लिखे संदेश में इसे एक “अत्यंत विशेष अनुभव” बताया। उन्होंने कहा कि आईएनएस वाघशीर द्वारा सफल परीक्षण और चुनौतीपूर्ण अभियानों का संचालन, चालक दल के अनुशासन, समर्पण और साहस को दर्शाता है। पनडुब्बी का आदर्श वाक्य ‘वीरता वर्चस्व विजय’ नौसेना की युद्ध क्षमता और आत्मविश्वास का प्रतीक है।

इससे पहले राष्ट्रपति नवंबर 2024 में स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर नौसेना के परिचालन प्रदर्शन को देख चुकी हैं। आईएनएस वाघशीर की यह यात्रा भारत की समुद्री सुरक्षा, आत्मनिर्भर रक्षा निर्माण और नौसेना की बढ़ती रणनीतिक शक्ति का सशक्त संदेश देती है।