नाश्ता छोड़ना बढ़ा सकता है डिप्रेशन और एंग्जाइटी का खतरा, रिसर्च में बड़ा खुलासा

Fri 26-Dec-2025,03:42 PM IST +05:30

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नाश्ता छोड़ना बढ़ा सकता है डिप्रेशन और एंग्जाइटी का खतरा, रिसर्च में बड़ा खुलासा नाश्ता-न-करने-की-आदत-मानसिक-स्वास्थ्य-के-लिए-खतरनाक
  • रिसर्च में खुलासा: नियमित नाश्ता न करने वालों में डिप्रेशन, स्ट्रेस और एंग्जाइटी का खतरा तेजी से बढ़ता है।

  • सुबह का नाश्ता दिमाग को जरूरी ग्लूकोज देकर मूड, फोकस और मानसिक संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है।

  • किशोरों और युवाओं में ब्रेकफास्ट छोड़ने की आदत मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को गंभीर रूप से बढ़ा सकती है।

Maharashtra / Nagpur :

सुबह का नाश्ता लंबे समय से दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन माना जाता रहा है, लेकिन बदलती जीवनशैली और समय की कमी के कारण बड़ी संख्या में लोग इसे नजरअंदाज कर रहे हैं। हाल ही में Nutritional Neuroscience जर्नल में प्रकाशित एक नई रिसर्च ने इस आदत को लेकर गंभीर चेतावनी दी है। अध्ययन के मुताबिक, नियमित रूप से नाश्ता न करना न केवल शारीरिक कमजोरी बढ़ाता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा नकारात्मक असर डालता है।

यह रिसर्च एक Systematic Review और Meta-Analysis पर आधारित है, जिसमें दुनिया भर की 13 ऑब्ज़र्वेशनल स्टडीज़ का विश्लेषण किया गया। इसमें करीब 3 लाख 99 हजार लोगों के डेटा को शामिल किया गया। नतीजे बेहद चौंकाने वाले रहे। शोध में पाया गया कि जो लोग रोजाना नाश्ता नहीं करते, उनमें डिप्रेशन का खतरा 40 प्रतिशत तक अधिक पाया गया। इसके अलावा मानसिक तनाव यानी स्ट्रेस का जोखिम 23 प्रतिशत ज्यादा देखा गया, जबकि किशोरों में एंग्जाइटी का खतरा 51 प्रतिशत तक बढ़ा हुआ पाया गया।

विशेषज्ञों के अनुसार, सुबह का नाश्ता दिमाग को जरूरी ग्लूकोज प्रदान करता है, जो ब्रेन फंक्शन, मूड और एकाग्रता के लिए बेहद जरूरी है। लंबे समय तक नाश्ता छोड़ने से दिमाग को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती, जिससे हार्मोनल असंतुलन, चिड़चिड़ापन और मानसिक थकान बढ़ने लगती है।

स्वस्थ मानसिक और शारीरिक जीवन के लिए डॉक्टर सुबह उठने के दो घंटे के भीतर हल्का और पौष्टिक नाश्ता करने की सलाह देते हैं। नाश्ते में फल, दलिया, अंडा, दही, सलाद और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करना फायदेमंद माना जाता है। खाली पेट चाय या कॉफी पीने से बचने की भी सलाह दी जाती है।

रिसर्च साफ संकेत देती है कि समय बचाने के लिए नाश्ता छोड़ना भविष्य में मानसिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। बेहतर है कि रोजाना नाश्ते को अपनी दिनचर्या का अनिवार्य हिस्सा बनाया जाए।