बंदरगाह सुरक्षा को नई ताकत: BoPS गठन पर अमित शाह की समीक्षा, जोखिम-आधारित ढांचा
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Merchant Shipping Act, 2025 के तहत BoPS का गठन बंदरगाह और जहाज सुरक्षा के लिए एक समर्पित, वैधानिक और आधुनिक नियामक ढांचा तैयार करेगा।
अमित शाह ने बंदरगाहों की व्यापार क्षमता और जोखिम प्रोफाइल के अनुसार चरणबद्ध सुरक्षा उपाय लागू करने पर विशेष जोर दिया।
New Delhi/ केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने जहाजों और बंदरगाहों की सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रस्तावित Bureau of Port Security (BoPS) के गठन से संबंधित एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में केन्द्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री तथा केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री भी उपस्थित थे। बैठक के दौरान श्री शाह ने देशभर के बंदरगाहों के लिए एक मजबूत, आधुनिक और जोखिम-आधारित सुरक्षा ढांचा स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
श्री अमित शाह ने निर्देश दिया कि सुरक्षा उपायों को बंदरगाहों की व्यापार क्षमता, भौगोलिक स्थिति और अन्य प्रासंगिक मापदंडों के आधार पर चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि भारत के बढ़ते समुद्री व्यापार और रणनीतिक हितों को देखते हुए बंदरगाह सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक स्वीकार्य नहीं हो सकती।
BoPS का गठन हाल ही में अधिनियमित Merchant Shipping Act, 2025 की धारा 13 के तहत एक वैधानिक निकाय के रूप में किया जाएगा। यह ब्यूरो केन्द्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW) के अधीन कार्य करेगा और जहाजों तथा बंदरगाह सुविधाओं की सुरक्षा से जुड़े नियामक और निरीक्षण कार्यों के लिए उत्तरदायी होगा। इसकी संरचना Bureau of Civil Aviation Security (BCAS) की तर्ज पर तैयार की गई है।
BoPS का नेतृत्व भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के एक वरिष्ठ अधिकारी (वेतन स्तर-15) द्वारा किया जाएगा। संक्रमण अवधि के रूप में एक वर्ष तक नौवहन महानिदेशक (DGS/DGMA) इसके महानिदेशक की जिम्मेदारी संभालेंगे। यह ब्यूरो सुरक्षा से जुड़ी सूचनाओं का समयबद्ध विश्लेषण, संग्रहण और आदान-प्रदान सुनिश्चित करेगा, जिसमें साइबर सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके तहत बंदरगाहों की आईटी अवसंरचना को डिजिटल खतरों से सुरक्षित रखने के लिए एक समर्पित प्रभाग भी गठित किया जाएगा।
बंदरगाहों की सुरक्षा अवसंरचना को और मजबूत करने के उद्देश्य से केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को बंदरगाह सुविधाओं के लिए Recognised Security Organisation (RSO) नामित किया गया है। CISF बंदरगाहों का सुरक्षा मूल्यांकन करेगा, सुरक्षा योजनाएं तैयार करेगा और बंदरगाहों पर तैनात निजी सुरक्षा एजेंसियों को प्रशिक्षण व प्रमाणन प्रदान करेगा। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल लाइसेंस प्राप्त निजी सुरक्षा एजेंसियां ही इस क्षेत्र में कार्य करें। बैठक में यह भी कहा गया कि समुद्री सुरक्षा से प्राप्त अनुभवों को विमानन सुरक्षा क्षेत्र में भी लागू किया जाएगा।