महत्वपूर्ण खनिज राष्ट्रीय सुरक्षा की कुंजी: CENJOWS टेक टॉक में CDS
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एयर मार्शल दीक्षित ने कहा कि महत्वपूर्ण खनिज आधुनिक रक्षा प्रणालियों, राष्ट्रीय सुरक्षा और तकनीकी संप्रभुता के लिए अनिवार्य रणनीतिक संसाधन हैं।
राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन और मूल्य श्रृंखला सुदृढ़ीकरण से आत्मनिर्भर भारत व विकसित भारत 2047 को गति मिलेगी।
New Delhi/ सेंटर फॉर जॉइंट वॉरफेयर स्टडीज (सीईएनजोडब्ल्यूएस) ने आईपी बाजार के सहयोग से 17 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली में “महत्वपूर्ण खनिज: भू-राजनीति, संप्रभुता और मूल्य श्रृंखला” विषय पर एक बंद कमरे में आयोजित उच्च स्तरीय गोलमेज सम्मेलन ‘टेक टॉक’ का आयोजन किया। इस सम्मेलन में चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (सीआईएससी) के अध्यक्ष और एकीकृत रक्षा स्टाफ प्रमुख (सीएचएस) एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने मुख्य भाषण दिया।
एयर मार्शल दीक्षित ने कहा कि महत्वपूर्ण खनिज आज राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा क्षमता विकास और तकनीकी संप्रभुता के रणनीतिक आधार बन चुके हैं। उन्होंने रेखांकित किया कि जेट इंजन, मिसाइल प्रणालियां, सटीक गोला-बारूद, रडार, उपग्रह, बैटरियां और सेमीकंडक्टर जैसी आधुनिक रक्षा प्रणालियां इन खनिजों की निर्बाध उपलब्धता पर निर्भर हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि महत्वपूर्ण खनिजों की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाएं अत्यधिक केंद्रित हैं और निर्यात नियंत्रण तथा भू-राजनीतिक दबावों के प्रति संवेदनशील होती जा रही हैं। ऐसी स्थिति में आयात पर अत्यधिक निर्भरता रणनीतिक कमजोरी बन सकती है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर रक्षा विनिर्माण और परिचालन तैयारियां सुरक्षित, विविधीकृत और भरोसेमंद खनिज आपूर्ति श्रृंखलाओं के बिना संभव नहीं हैं, और यह विकसित भारत 2047 व आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों से सीधा जुड़ा है।
एयर मार्शल दीक्षित ने भारत द्वारा उठाए गए हालिया कदमों का उल्लेख किया, जिनमें महत्वपूर्ण खनिजों की पहचान, राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन की स्थापना और खनन से लेकर प्रसंस्करण, विनिर्माण तथा पुनर्चक्रण तक पूरी मूल्य श्रृंखला को सुदृढ़ करने के प्रयास शामिल हैं। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान महत्वपूर्ण खनिजों पर आधारित 30 तकनीकी रिपोर्टों के संग्रह का अनावरण भी किया, जिनमें बौद्धिक संपदा परिदृश्य और बाजार विश्लेषण का विस्तृत अध्ययन प्रस्तुत किया गया।
इस विशेष आमंत्रण आधारित बैठक में वरिष्ठ नीति निर्माता, रक्षा विशेषज्ञ, उद्योग जगत के प्रतिनिधि, प्रौद्योगिकी नवप्रवर्तक, शिक्षाविद और आईपी पेशेवर शामिल हुए। कार्यक्रम को कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी की ओर से शुभकामनाएं प्राप्त हुईं।