ABVP शोध आयाम का विशेष व्याख्यान | अटल बिहारी वाजपेयी व महामना मालवीय जयंती पर आयोजन
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अटल बिहारी वाजपेयी के विचारों और लोकतांत्रिक मूल्यों पर सारगर्भित व्याख्यान.
महामना मदन मोहन मालवीय को आधुनिक भारतीय शिक्षा का शिल्पकार बताया गया.
शोधार्थियों और विद्यार्थियों की सक्रिय सहभागिता से सत्र प्रेरणादायी बना.
Wardha / अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP), महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय इकाई के 'शोध आयाम' के तत्वावधान में भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी एवं महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती के अवसर पर एक विशेष लघु व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य विषय ‘महापुरुषों का शिक्षा के क्षेत्र में योगदान’ यह रहा।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ. राजेश लहकपुरे ने अटल बिहारी वाजपेयी जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अटल जी केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि एक संवेदनशील कवि और चिंतक थे। उन्होंने भारतीय लोकतंत्र को मानवीय दृष्टि प्रदान की और उनकी नीतियां आज भी राष्ट्रहित एवं सामाजिक समरसता के लिए हमारा मार्ग प्रशस्त करती हैं। मुख्य वक्ता जयंत उपाध्याय ने पंडित मदन मोहन मालवीय के योगदान को रेखांकित करते हुए उन्हें 'आधुनिक भारतीय शिक्षा का शिल्पकार' बताया। उन्होंने कहा कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की स्थापना कर महामना ने भारतीय शिक्षा को सांस्कृतिक मूल्यों और राष्ट्रीय चेतना से जोड़ने का युगांतरकारी कार्य किया।
कार्यक्रम का संचालन रत्नेश तिवारी (सहसंयोजक, शोध आयाम) ने किया। साथ ही शोधार्थी पंकज टेम्भरे ने अपनी स्वरचित कविता के माध्यम से महापुरुषों को भावांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में प्रांत शोध आयाम सहसंयोजक पंकज कलाने एवं इकाई शोध संयोजक राम सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही। साहित्यविद्यापीठ अध्यक्ष सर्वानंद शाह ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस वैचारिक विमर्श में एबीवीपी इकाई मंत्री मनीष तिवारी, सह मंत्री भरत परिहार, सौरभ सिंह एवं उपाध्यक्ष सायली पिपरे, अंकित सिंह, वैभव तिवारी सहित विश्वविद्यालय के अनेक शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के दौरान हुए संवाद और जिज्ञासापूर्ण प्रश्नों ने सत्र को अत्यंत जीवंत और प्रेरणादायी बना दिया। यह आयोजन महापुरुषों के आदर्शों को नई पीढ़ी तक पहुँचाने और राष्ट्र निर्माण में शिक्षा की भूमिका को समझने की दिशा में एक सार्थक प्रयास सिद्ध हुआ।