घटना के बाद गंभीर रूप से घायल युवती और किशोर को नजदीकी मॉडल अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतकों की पहचान डुमरावां गांव निवासी ओमप्रकाश पासवान की पुत्री अन्नू कुमारी (20) और संतोष पासवान के पुत्र हिमांशु कुमार (16) के रूप में हुई है।
इलाज में लापरवाही और पुलिस की निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। सूचना पाकर बिहार थाना की पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन परिजनों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। शवों को बिना पोस्टमार्टम कराए गांव ले जाया जा रहा था, लेकिन पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम की अनिवार्यता बताए जाने पर परिजन भड़क गए। गुस्साए लोगों ने अस्पताल के मुख्य गेट के पास स्ट्रेचर पर शवों को रखकर सड़क को घंटों जाम कर दिया।
परिजनों ने दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी और त्वरित कार्रवाई की मांग की। मृतका के रिश्तेदार रंजन कुमार ने बताया कि गांव में अखंड कीर्तन हो रहा था। उसी दौरान बच्चों के बीच विवाद हुआ, जिसके बाद दूसरे टोले के कुछ असामाजिक तत्वों ने हमला कर दिया। उस वक्त अन्नू कुमारी घर के पास खाना खा रही थी, तभी बदमाशों ने सीधे सिर में गोली मार दी। वहीं हिमांशु भी अपने घर के बाहर था, उसे भी सिर में गोली मारकर मार डाला गया।
घटना के बाद गांव में सन्नाटा और दहशत का माहौल है। थानाध्यक्ष जितेंद्र राम ने बताया कि घटना की गंभीरता से जांच की जा रही है। डीएसपी नुरुल हक ने कहा कि सूचना मिलते ही पुलिस टीम गांव पहुंची और 7 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही घटना में शामिल सभी अपराधियों को गिरफ्तार किया जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह दोहरा हत्याकांड न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि गांव में आपसी टकराव और बदले की भावना के घातक परिणाम की ओर भी इशारा करता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस इस मामले में कब तक आरोपियों को गिरफ्तार कर न्याय दिला पाती है।