26/11 से बरी फहीम अंसारी को मिली सीमित रोज़गार छूट, सरकार ने हाईकोर्ट में कहा-PCC वाली नौकरियाँ अब भी नहीं
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File photo
26/11 मामले में बरी फहीम अंसारी को बिना पुलिस क्लियरेंस वाली सभी नौकरियों पर काम करने की अनुमति दी गई।
हाईकोर्ट में सरकार ने कहा-बरी व्यक्ति के रोजगार और जीवन के अधिकारों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता।
फहीम की याचिका-पुलिस वेरिफिकेशन न मिलने से नौकरियों में बाधा।
मुंबई / 26/11 आतंकी हमले के मामले में बरी किए जा चुके फहीम अंसारी के रोजगार संबंधी विवाद पर मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। महाराष्ट्र सरकार ने अदालत को स्पष्ट रूप से बताया कि अंसारी ऐसी किसी भी नौकरी को कर सकते हैं, जिसमें पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट PCC या चरित्र सत्यापन की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन जिन नौकरियों में PCC अनिवार्य है, वहां उन्हें अनुमति देना अभी संभव नहीं है।
यह बयान 26/11 हमलों की 17वीं बरसी से एक दिन पहले दर्ज हुआ है। अंसारी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर PCC जारी करने की मांग की थी, ताकि वह ऑटो-रिक्शा चलाकर अपना जीवनयापन कर सकें। लेकिन पुलिस ने उनकी याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि वह अभी भी “सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी सूची” में मौजूद हैं।
सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि अंसारी को बरी किए जाने के बावजूद उनके खिलाफ कुछ पुराने खुफिया इनपुट और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े संदेह अभी भी दर्ज हैं। ऐसे में उन्हें उन नौकरियों के लिए क्लियरेंस देना जोखिमपूर्ण हो सकता है, जिनमें सार्वजनिक संपर्क, परिवहन या संवेदनशील सुरक्षा क्षेत्र शामिल है।
वहीं अंसारी के वकील ने दलील दी कि अदालत द्वारा दोषमुक्त घोषित किए जाने के 15 वर्ष बाद भी उन्हें दंडित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति को आजीविका का अधिकार संविधान द्वारा दिया गया है और बिना किसी नए आरोप के PCC से इनकार करना अन्याय है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च को निर्धारित की है।