असम विधानसभा में गूँजी जुबीन गर्ग हत्या की गूँज, SIT की जांच तेज
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जुबीन की मौत की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित करने की हुई घोषणा
मुख्यमंत्री हिमंता सरमा ने विधानसभा में दावा किया-जुबीन गर्ग की मौत दुर्घटना नहीं, बल्कि योजनाबद्ध हत्या है।
SIT ने हत्या की धारा जोड़कर सात आरोपियों को गिरफ्तार किया, 250 से अधिक गवाहों से पूछताछ जारी।
असम पुलिस सिंगापुर में जांच नहीं कर सकती; न्यायिक आयोग की स्थापना का फैसला, चार्जशीट दिसंबर में संभव।
गुवाहाटी / असम के लोकप्रिय गायक जुबीन गर्ग की मौत का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। असम विधानसभा में मंगलवार को मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि सिंगापुर में समुद्र में तैराकी के दौरान जुबीन की मौत “साधारण दुर्घटना नहीं, बल्कि सीधी और स्पष्ट हत्या” है। उनके इस बयान ने प्रदेश की राजनीति और संगीत जगत दोनों में हलचल पैदा कर दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रारंभिक जांच में कई ऐसे तथ्य सामने आए हैं, जो इस ओर संकेत करते हैं कि घटना में कई लोगों की भूमिका हो सकती है। उन्होंने दावा किया कि “एक व्यक्ति ने जुबीन को मौत के घाट उतारा और बाकी लोगों ने उसकी मदद की।” यह बयान विधानसभा में उस समय आया जब विपक्ष ने सरकार से जांच की स्थिति पर विस्तृत जवाब मांगा।
SIT ने जोड़े हत्या के आरोप
जुबीन की मौत के बाद से ही राज्य सरकार ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया था। SIT ने जांच के दौरान कई अहम साक्ष्य जुटाए और अब मामले में भारतीय दंड संहिता के नए स्वरूप BNS की धारा 103 (हत्या) को जोड़ दिया गया है। SIT अब तक घटना से जुड़े सात लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है और 250 से अधिक गवाहों के बयान दर्ज कर चुकी है। जानकारी के अनुसार, SIT ने जुबीन के साथ मौजूद लोगों की गतिविधियों का डिजिटल ट्रैक भी खंगाला है, जिसमें कई विसंगतियां सामने आई हैं। ये विसंगतियां यह संकेत देती हैं कि घटना से पहले और बाद में कुछ लोगों ने तथ्यों को छिपाने की कोशिश की थी।
सिंगापुर में जांच की चुनौती
मुख्यमंत्री सरमा ने विधानसभा में यह भी स्पष्ट किया कि असम पुलिस सिंगापुर जाकर जांच नहीं कर सकती, क्योंकि यह राज्य के अधिकार क्षेत्र के बाहर है। उन्होंने कहा कि, “सही निष्कर्ष तक पहुँचने के लिए जरूरी है कि सिंगापुर में मौजूद वे भारतीय नागरिक-जिनके साथ जुबीन ठहरे हुए थे-भारत आकर बयान दें। अभी भी कई लोग जांच में सहयोग नहीं कर रहे।” सरकार ने अब जुबीन की मौत की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित करने की घोषणा कर दी है, जिसकी अध्यक्षता गुवाहाटी हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस सौमित्र सैकिया करेंगे। आयोग घटना की पूरी श्रृंखला और संबंधित व्यक्तियों की भूमिका की गहराई से समीक्षा करेगा।
दूसरी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी बढ़े सवाल
दूसरी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद भी कई सवाल जस के तस हैं। रिपोर्ट में यह दर्ज है कि जुबीन गर्ग तैराकी के दौरान लाइफ जैकेट नहीं पहने हुए थे, जबकि उनके साथ मौजूद सदस्यों के पास लाइफ जैकेट होने की जानकारी सामने आई है। परिवार ने भी सवाल उठाया कि जुबीन बेहद सावधान स्वभाव के थे और बिना सुरक्षा इंतजामों के समुद्र में उतरना उनके स्वभाव में नहीं था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार दिसंबर तक एक “वॉटरटाइट चार्जशीट” दाखिल करने की तैयारी कर रही है ताकि अपराधियों को सजा दिलाई जा सके।