अमेरिका में पहली H5N5 मौत से चिंता, कोरोना-जैसे खतरे की संभावना ? सरकार अलर्ट
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वॉशिंगटन राज्य में एक बुजुर्ग व्यक्ति की H5N5 संक्रमण से पहली बार मौत, वायरस की निगरानी तेज। विशेषज्ञों का कहना-H5N5 की मानवों में संक्रमण क्षमता अभी बेहद सीमित, लेकिन निरंतर मॉनिटरिंग आवश्यक।
बर्ड फ्लू का यह नया स्ट्रेन पोल्ट्री और पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा, इंसानों के लिए जोखिम कम बताया गया।
नई दिल्ली / अमेरिका में पहली बार H5N5 बर्ड फ्लू वायरस से मानव की मौत दर्ज होने के बाद स्वास्थ्य एजेंसियों और वैज्ञानिकों के बीच नई चिंता पैदा हो गई है। यह मामला वॉशिंगटन राज्य के Grays Harbor काउंटी का है, जहाँ एक बुजुर्ग व्यक्ति की 21 नवंबर को उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। यह दुनिया में H5N5 वायरस का पहला ज्ञात मानव संक्रमण है, जिसने वैश्विक स्तर पर सतर्कता बढ़ा दी है।
मिली जानकारी के अनुसार, शुरुआत नवंबर में यह बुजुर्ग व्यक्ति अचानक तेज बुखार, सांस लेने में दिक्कत, और भ्रम की स्थिति जैसी गंभीर फ्लू-लक्षणों से जूझते हुए अस्पताल में भर्ती किए गए थे। जाँच में पाया गया कि वे H5N5 उच्च-रोगजनक एवियन इन्फ्लुएंज़ा स्ट्रेन से संक्रमित थे। उनके शरीर में पहले से मौजूद बीमारियों ने स्थिति को और अधिक जटिल बना दिया। हालाँकि इलाज तुरंत शुरू किया गया, लेकिन चिकित्सक उन्हें बचा नहीं सके। यह पहली बार है जब H5N5 वायरस ने किसी मानव में संक्रमण फैलाया और जान ली।
H5N5 क्या है?
H5N5 एक एवियन इन्फ्लुएंज़ा वायरस है, जो सामान्यतः जंगली पक्षियों और पोल्ट्री में पाया जाता है। यह H5N1 जैसा ही एक उच्च-रोगजनक स्ट्रेन है, जो मुर्गियों, बत्तखों और अन्य पक्षियों में तेजी से फैलता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, H5N5 का जंगली पक्षियों से पोल्ट्री में संक्रमण होना कोई नई बात नहीं है, लेकिन इसका इंसान में पहुँचना एक असामान्य घटना है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस संक्रमण का स्रोत मरीज का स्वयं का बैकयार्ड पोल्ट्री फार्म हो सकता है, जहाँ उनके पक्षियों का संपर्क जंगली पक्षियों से होता था। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वायरस वहीं से उन तक पहुँचा।
क्या यह H5N1 जैसा खतरनाक हो सकता है?
H5N1 स्ट्रेन ने पिछले कुछ वर्षों में दुनियाभर में कई मामलों में मानवों में गंभीर संक्रमण और मृत्यु दर्ज कराई है। लेकिन H5N5 को लेकर विशेषज्ञ अभी उतने चिंतित नहीं हैं। वैज्ञानिक रिपोर्टें बताती हैं कि H5N5 और H5N1 का "HA" प्रोटीन (H5) तो एक समूह का है, लेकिन "NA" प्रोटीन अलग-अलग उपप्रकारों में आता है, जिससे यह वायरस आनुवांशिक रूप से अलग श्रेणी में आता है। इसका मतलब है कि यह H5N1 जैसे लक्षण या फैलने की क्षमता नहीं दिखाता।
महत्वपूर्ण बात यह है कि अब तक मानव-से-मानव संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है, जिससे खतरा नियंत्रित माना जा रहा है।
क्या महामारी का खतरा है?
फिलहाल विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला “ट्रैजिक वन-ऑफ” हो सकता है—यानी एक दुर्लभ, अलग घटना। अधिकांश पक्षी फ्लू वायरस कभी भी मानव शरीर के अनुरूप नहीं बन पाते और एक व्यक्ति को संक्रमित करने के बाद आगे नहीं फैलते।
फिर भी, इन्फ्लुएंज़ा वायरस के तेज़ी से बदलने और नई प्रजातियों में प्रवेश करने की क्षमता को देखते हुए वैज्ञानिक सतर्क हैं। अमेरिका में अभी पक्षियों की निगरानी बढ़ा दी गई है, और पोल्ट्री उद्योग में सुरक्षा मानकों पर फिर से ध्यान दिया जा रहा है।
अंततः, इस घटना ने दुनिया को याद दिलाया है कि एवियन फ्लू की निगरानी क्यों अत्यंत आवश्यक है। वायरस हर साल नए रूप ले रहा है और यह प्रकृति के निरंतर प्रयोगों का हिस्सा है। हालांकि वर्तमान जोखिम कम है, लेकिन भविष्य के लिए तैयार रहना ही सबसे सुरक्षित रास्ता है।