नहाते समय सिर पर पानी डालने की बड़ी गलती | डॉक्टर की चेतावनी
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ब्रेन हेमरेज और हार्ट अटैक से बचने के लिए जानें सही नहाने का तरीका
सीधे सिर पर पानी डालना शरीर को तापमान सदमा दे सकता है
हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा तेजी से बढ़ता है
नाभि पर पहले पानी डालना सबसे सुरक्षित तरीका माना गया है
Health/ नहाना हमारी रोजमर्रा की दिनचर्या का एक साधारण हिस्सा है। मगर नहाते समय की गई एक छोटी सी गलती आपके स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है, यहां तक कि ब्रेन हेमरेज या हार्ट अटैक का कारण भी बन सकती है। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. बीपीएस त्यागी ने इस विषय पर जागरूकता बढ़ाते हुए बताया है कि हमारे शरीर को पानी के तापमान के साथ तालमेल बिठाने की जरूरत होती है, जिसे वैज्ञानिक भाषा में 'एक्लेमटाइजेशन' कहते हैं।
जब हम अचानक अपने सिर पर ठंडा या बहुत गर्म पानी डालते हैं, तो शरीर को तापमान से एडजस्ट करने का मौका नहीं मिलता। यह अचानक परिवर्तन शरीर को एक प्रकार का तापमान सदमा दे सकता है, जिससे रक्त वाहिकाओं पर तत्काल दबाव पड़ता है। डॉ. त्यागी के अनुसार कई बार बाथरूम में होने वाले हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के मामलों को सीधे इसी आदत से जोड़कर देखा गया है। डॉ. त्यागी ने इस वीडियो मैं कई ऐसी चीजें बताई हैं जिसमें बारे में सभी लोगों को जानना चाहिए। आइए इस लेख में इसी के बारे में जानते हैं।
सीधे सिर पर पानी डालने के खतरे
डॉ. त्यागी के मुताबिक, सीधे सिर पर पानी डालना कई गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है। अगर पानी बहुत ठंडा है, तो यह सिर और मस्तिष्क की ओर जाने वाली रक्त वाहिकाओं को तेजी से सिकोड़ सकता है, जिससे रक्त का प्रवाह बाधित होता है और रक्त के थक्के बनने का डर रहता है।
वहीं यदि पानी बहुत गर्म है, तो यह रक्त वाहिकाओं को अचानक फैलाकर ब्लड प्रेशर को प्रभावित कर सकता है, जिससे ब्रेन हेमरेज का खतरा बढ़ जाता है।
नहाते समय पहले किस अंग पर पानी डालना चाहिए?
डॉ. त्यागी के मुताबिक नहाने की शुरुआत हमेशा नाभि के आसपास पानी डालकर करनी चाहिए। इसके लिए पहले थोड़ा पानी हाथ में लें और उसे नाभि के हल्के निचले हिस्से पर धीरे से डालें। इस पानी को वहां 1-2 मिनट तक रहने दें।
'एक्लेमटाइजेशन' प्रक्रिया का महत्व
नाभि के आसपास पानी डालने से हमारी पूरी बॉडी पानी के तापमान के प्रति धीरे-धीरे अभ्यस्त हो जाती है। शरीर की नसें और रक्त वाहिकाएं इस तापमान परिवर्तन के लिए तैयार हो जाती हैं, जिससे अचानक रक्तचाप में उतार-चढ़ाव या सिर को सदमा लगने का जोखिम कम हो जाता है।
क्या करें?
यह सरल नियम किसी भी उम्र के व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन खासकर हृदय रोगियों और हाई बीपी वाले लोगों के लिए यह अत्यंत आवश्यक है। यह सुनिश्चित करता है कि आपके शरीर का आंतरिक तापमान और रक्त परिसंचरण धीरे-धीरे एडजस्ट हो। इसलिए सही तरीका अपनाकर आप अपनी रोजमर्रा की सबसे सामान्य गतिविधि को भी सुरक्षित बना सकते हैं।