दिल्ली धमाका जांच: व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल का पर्दाफाश

Sat 22-Nov-2025,01:07 PM IST +05:30

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दिल्ली धमाका जांच: व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल का पर्दाफाश डॉक्टर मॉड्यूल, जैश कनेक्शन और विस्फोटक सप्लाई चेन पर बड़ा खुलासा
  • अल फलाह यूनिवर्सिटी, अस्पतालों व कश्मीर में कई जगह छापेमारी।

  • फरीदाबाद में डॉक्टरों से जुड़ा संगठित व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल बेनकाब।

  • जैश हैंडलर से मिले 40+ बम बनाने वाले वीडियो की जांच जारी।

Delhi / New Delhi :

Delhi/ दिल्ली में 10 नवंबर को हुए बम धमाके की जांच में कई नए खुलासे हुए हैं। जांच में फरीदाबाद में डॉक्टर मुजम्मिल शकील गनी के ठिकाने से ऐसे सबूत मिले हैं, जो बताते हैं कि यहां एक संगठित 'व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल' लंबे समय से सक्रिय था। सामान्य घरों में इस्तेमाल होने वाली मशीनों को विस्फोटक तैयार करने के लिए बदला जा रहा था।

पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए डॉक्टर मॉड्यूल तैयार किया था। मॉड्यूल को बम बनाने के फॉर्मूले और तकनीक के लिए कई वीडियो भी भेजे गए थे। डॉक्टर मुजम्मिल और डॉक्टर उमर को 40 से अधिक वीडियो भेजे थे, इन वीडियो में बम बनाने की विधि विस्तार से बताई गई थीं। 

सूत्रों के मुताबिक, फरीदाबाद के धौज और फतेहपुर तगा में विस्फोटक जमा करने के साथ दिल्ली धमाके का कनेक्शन आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा है। पाकिस्तान से जैश के हैंडलर ने डॉ. मुज्जमिल गनई और डॉ. उमर को बम बनाना सिखाने के लिए 40 से ज्यादा वीडियो भेजे थे। 

मुज्जमिल और उमर को जम्मू के शोपियां के रहने वाले मौलवी इरफान अहमद ने मिलवाया था। इसके बाद सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल तैयार किया था और कई डॉक्टरों को इससे जोड़ा गया। दिल्ली धमाका भी इसी मॉड्यूल का हिस्सा था। 

यूरिया से अमोनियम नाइट्रेट बनाने का सीखा तरीका 

जैश हैंडलर के भेजे वीडियो देखने के बाद डॉ. मुज्जमिल, उमर व उसके साथी यूरिया से विस्फोटक बनाने के लिए अमोनियम नाइट्रेट निकालने का काम करने लगे। नूंह में आटा-चक्की में यूरिया को पीसकर इलेक्ट्रिकल मशीन से अमोनियम नाइट्रेट को रिफाइन कर धौज और फतेहपुर तगा में स्टोर किया गया था। ये मशीनें टैक्सी ड्राइवर के घर से पुलिस ने बरामद कर ली हैं। 

इस बीच, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय परिसर पहुंचकर लैब, ऑपरेशन थिएटर, ओपीडी वार्ड, जनरल वार्ड, इमरजेंसी का निरीक्षण किया। टीम अब रिपोर्ट तैयार कर स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को भेजेगी। आशंका है कि लैब से केमिकल चोरी किया जा रहा था। 

सुरक्षा एजेंसियां पता लगा रही हैं कि दिल्ली बम धमाके और देश के अन्य हिस्सों को दहलाने की साजिश अल फलाह विश्वविद्यालय की लैब में तो नहीं रची जा रही थी। 

महाराष्ट्र पुलिस टीम भी विश्वविद्यालय परिसर में जांच करने पहुंची। बताया जा रहा है कि यहां से पास हुए कई एमबीबीएस डॉक्टर महाराष्ट्र में काम कर रहे हैं। सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल से जुड़े होने की आशंका में पुलिस अब उनके संपर्क खंगाल रही है। कहीं वो आतंकी मॉड्यूल से तो नहीं जुड़े हैं।

उधर, सूत्रों की मानें तो जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी मॉड्यूल अस्पतालों और सफेदफोश डॉक्टरों का ठिकाना और हथियार बनाने की कोशिश कर रहा था। डॉक्टर रोजाना सैकड़ों मरीज का इलाज करते हैं। ऐसे में कई मरीजों की डॉक्टरों से हमदर्दी भी हो जाती है। 

ऐसे में अब जांच एजेंसियां यह पता लगा रही हैं कि इस मॉड्यूल ने कितने अस्पताल, डॉक्टर, अस्पताल के कर्मचारी आदि शामिल करने के साथ ठिकाना बनाने की कोशिश की और हथियारों की सप्लाई चेन कहां तक फैली हुई थी।

कश्मीर के अस्पतालों में डॉक्टरों के लॉकर खंगाले
सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल की जांच में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शुक्रवार को गांदरबल, कुपवाड़ा और श्रीनगर के अस्पतालों में डॉक्टरों व मेडिकल स्टाफ के लॉकरों को खंगाला। जांच का मकसद गैर-कानूनी या खतरनाक सामान के भंडारण को रोकना है।  कर्मियों को निर्देश दिए गए कि लॉकर का इस्तेमाल सिर्फ आधिकारिक कार्यों के लिए किया जाए। 

हथियारों का जखीरा बरामद
पुलिस व सेना ने कश्मीर के हंदवाड़ा में बड़ी आतंकी साजिश नाकाम करते हुए नियंत्रण रेखा के पास हथियारों का जखीरा पकड़ा है। नौगाम सेक्टर में बरामद हथियारों में अमेरिकी एम4 कार्बाइन असाॅल्ट राइफल, 4 मैगजीन, 2 एम सीरीज की असाॅल्ट राइफल, 3 मैगजीन, 2 पिस्तौल, 2 हैंड ग्रेनेड और कुछ कारतूस शामिल हैं।