Delhi Pollution Crisis | दिल्ली में प्रदूषण का गंभीर संकट: दीपेंद्र हुड्डा का केंद्र सरकार पर निशाना
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Delhi pollution crisis: Dipender Hooda statement
दिल्ली-एनसीआर में एक्यूआई 450 के आसपास, हवा ‘गंभीर’ श्रेणी में।
दीपेंद्र हुड्डा ने केंद्र पर ठोस योजना न बनाने का आरोप लगाया।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्रियों का समूह और विशेष बजट की मांग।
Delhi / राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एक बार फिर जहरीली हवा की गिरफ्त में है। बुधवार को वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई, जिससे दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के कई इलाकों में लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो गया। इसी बीच कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हर साल दिल्ली के लोग प्रदूषण की मार झेलते हैं, लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई है।
हुड्डा ने अफसोस व्यक्त किया कि फरवरी आते ही सरकार और जिम्मेदार संस्थाएं इस मुद्दे को भुला देती हैं, जबकि यह समस्या हर साल और विकराल रूप लेती जा रही है।
कांग्रेस सांसद का केंद्र सरकार से सख्त आग्रह
दीपेंद्र हुड्डा ने मांग की कि केंद्र सरकार प्रदूषण से प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों का एक समूह बनाए, जिसे विशेष बजट दिया जाए ताकि प्रदूषण की समस्या से सामूहिक रूप से निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि यह किसी एक राज्य या किसी दल का मुद्दा नहीं है—यह पूरे देश की समस्या है।
हुड्डा के अनुसार, 2017 में विपक्ष एक बिल लेकर आया था जिसमें प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय बोर्ड बनाने की मांग की गई थी, लेकिन सरकार ने इसे अस्वीकार कर दिया। उनका दावा है कि सभी राजनीतिक दल इस मुद्दे पर एकजुट हैं और प्रदूषण को लेकर कोई ‘किंतु-परंतु’ नहीं है।
दिल्ली-एनसीआर में हवा की स्थिति भयावह
बुधवार को कई इलाकों में एक्यूआई (AQI) 400 से 430 के बेहद खतरनाक स्तर को पार करते हुए 450 तक पहुंच गया। इससे पूरा क्षेत्र मानो एक ‘गैस चैंबर’ बन गया है।
दिल्ली के प्रमुख इलाकों में AQI:
- आनंद विहार: 402
- चांदनी चौक: 430
- विवेक विहार: 410
- वजीरपुर: 402
- आरके पुरम और रोहिणी: 418
नोएडा के इलाके:
- सेक्टर-116: 406
- सेक्टर-125: 405
- सेक्टर-1: 397
गाजियाबाद के प्रमुख क्षेत्र:
- इंदिरापुरम: 410
- लोनी: 428
ऐसे स्तर पर हवा का लंबे समय तक संपर्क गंभीर बीमारियों की वजह बन सकता है, जिस पर विशेषज्ञ भी चिंता जता रहे हैं।
स्वास्थ्य पर सीधा असर, अस्पतालों में बढ़े मरीज
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के इस स्तर ने लोगों की सेहत पर गहरा असर डाला है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अस्थमा, सीओपीडी जैसी बीमारियों से पीड़ित लोग अधिक प्रभावित हो रहे हैं।
स्वस्थ लोग भी आंखों में जलन, गले में खराश, सूखी खांसी, सिरदर्द और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण लेकर अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। डॉक्टर चेतावनी दे रहे हैं कि इस स्तर की हवा बेहद खतरनाक है और बच्चों, बुजुर्गों तथा गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष रूप से हानिकारक साबित हो सकती है।
दिल्ली में प्रदूषण कोई नया मुद्दा नहीं है, लेकिन यह हर साल और गंभीर होता जा रहा है। दीपेंद्र हुड्डा की अपील इस बात की ओर इशारा करती है कि समय रहते केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर निर्णायक कदम उठाने होंगे। अन्यथा, दिल्ली-एनसीआर की हवा आने वाले वर्षों में और भी खतरनाक हो सकती है।
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