एनईएसआईडीएस से पूर्वोत्तर में संपर्क व विकास तेज़, असम में 20 में से 14 सड़क परियोजनाएं पूर्ण

Wed 03-Dec-2025,06:38 PM IST +05:30

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एनईएसआईडीएस से पूर्वोत्तर में संपर्क व विकास तेज़, असम में 20 में से 14 सड़क परियोजनाएं पूर्ण
  • असम में एनईएसआईडीएस के तहत स्वीकृत 20 में से 14 सड़क परियोजनाएं पूर्ण, और किसी भी परियोजना में भूमि या मंजूरी से जुड़ी बाधा नहीं।

  • एनईएसआईडीएस सड़क परियोजनाओं ने पूर्वोत्तर राज्यों में व्यापार, पर्यटन, सामाजिक सेवाओं और क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा देकर दीर्घकालिक सामाजिक-आर्थिक लाभ प्रदान किए।

Assam / Amguri :

Assam/ पूर्वोत्तर क्षेत्र में सड़क अवसंरचना के सुदृढ़ विकास को गति देने के उद्देश्य से पूर्वोत्तर विशेष अवसंरचना विकास योजना (एनईएसआईडीएस) को वर्ष 2017-18 में केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में शुरू किया गया था। वर्ष 2022-23 में योजना को दो स्वतंत्र घटकों-एनईएसआईडीएस (सड़कें) और एनईएसआईडीएस (सड़कों के अलावा अन्य अवसंरचना) के रूप में पुनर्गठित किया गया, ताकि पूर्वोत्तर के आठ राज्यों में क्षेत्रीय संतुलित विकास, संपर्क वृद्धि और सामाजिक-आर्थिक उत्थान को तेज़ी से आगे बढ़ाया जा सके।

पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (एमडीओएनईआर) ने भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) शिलांग के माध्यम से एनईएसआईडीएस (सड़क) योजना का प्रभाव मूल्यांकन कराया। सर्वेक्षण में सड़क परियोजनाओं के व्यापक लाभों को चिन्हित करते हुए पाया गया कि इन परियोजनाओं ने न केवल तेज़ और सुरक्षित परिवहन की सुविधा बढ़ाई, बल्कि व्यापार, पर्यटन, सामाजिक बुनियादी ढांचे और क्षेत्रीय गतिशीलता में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की। अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार योजना सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) 9 और 11 के अनुरूप कार्य कर रही है, जिससे उद्योग, नवाचार, बुनियादी ढांचा निर्माण और स्थायी शहरी-आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिल रहा है।

असम राज्य में एनईएसआईडीएस के तहत वर्ष 2017 से अब तक कुल 20 सड़क परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिनमें से 14 सफलतापूर्वक पूर्ण की जा चुकी हैं। शेष योजनाओं की प्रगति भी संतोषजनक मानी गई है और मंत्रालय के अनुसार असम में कोई भी परियोजना भूमि विवाद या मंजूरी संबंधी अड़चनों के कारण लंबित नहीं है।

कार्यान्वयन अवधि के बारे में मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि परियोजनाओं की समयसीमा भूभाग, भौगोलिक चुनौतियों, भूमि उपलब्धता, वैधानिक अनुमोदन और वित्तीय औपचारिकताओं जैसे कारकों पर निर्भर करती है। फिर भी पूर्वोत्तर में सड़क संपर्क बढ़ाने की प्रतिबद्धता के साथ योजना लगातार आगे बढ़ रही है, जिससे क्षेत्रीय एकीकरण, विकास और आजीविका के अवसरों में तेजी आएगी।