सुरक्षा मानकों पर खरा नहीं उतरने वाले वाहनों को लेकर सरकार सख्त: वाहन वापसी की प्रक्रिया और नए नियमों पर बड़ा अपडेट
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भारत सरकार ने सीएमवीआर नियमों को सख्त करते हुए खराब और खामी वाले वाहनों की जांच और रीकॉल प्रक्रिया तेज की। पिछले चार वर्षों में 15 लाख से अधिक वाहन वापस लिए गए।
भारत सरकार ने सीएमवीआर नियम 126 और 127C के तहत खराब और खामी वाले वाहनों की जांच और रिकॉल प्रक्रिया को और सख्त किया।
नई दिल्ली/ भारत में सड़क सुरक्षा को मजबूत बनाने और खराब या खामियों वाले वाहनों को बाजार में आने से रोकने के लिए केंद्र सरकार लगातार कदम उठा रही है। केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली (सीएमवीआर) 1989 का नियम 126 यह सुनिश्चित करता है कि वाहन निर्माता या आयातक अपने हर मॉडल का नमूना जांच एजेंसी को प्रस्तुत करें। इसका उद्देश्य यह है कि वाहनों के सभी सुरक्षा मानकों की जांच हो सके और उपभोक्ताओं तक केवल सुरक्षित वाहन ही पहुँचें।
सरकार “भारत में सड़क दुर्घटनाएं” नाम से हर वर्ष एक रिपोर्ट भी जारी करती है, जिसमें राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों की पुलिस से मिले आंकड़ों का विश्लेषण किया जाता है। रिपोर्टों में यह लगातार सामने आता रहा है कि सड़क दुर्घटनाओं के पीछे केवल वाहन की तकनीकी खामियां ही नहीं बल्कि मानव-जनित लापरवाही भी बड़ी वजह है। तेज गति, मोबाइल का उपयोग, नशे की हालत में ड्राइविंग, गलत दिशा में वाहन चलाना, लाल बत्ती तोड़ना, हेलमेट/सीट बेल्ट का उपयोग न करना और खराब सड़कें दुर्घटनाओं में अहम भूमिका निभाते हैं।
मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 110A में केंद्र सरकार को यह अधिकार है कि वह किसी भी खामी वाले वाहन मॉडल को देशभर से वापस लेने का आदेश दे सकती है। इसी को लागू करने के लिए 11 मार्च 2021 को सरकार ने एक नया नियम 127C जोड़ा, जिसके तहत वाहन वापसी (Recall) प्रक्रिया को कानूनी ढांचा प्रदान किया गया।
सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के अनुसार, सुरक्षा संबंधी खामियों के कारण पिछले चार वर्षों में लाखों वाहनों को बाजार से वापस लिया गया है। आंकड़ों के मुताबिक:
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2022 में 2,88,765 वाहन
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2023 में 2,84,906 वाहन
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2024 में 8,64,351 वाहन
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2025 (26 नवंबर तक) में 1,19,173 वाहन
कुल मिलाकर 15,57,195 वाहन सुरक्षा खामियों के कारण रीकॉल किए गए हैं। इनमें दोपहिया वाहनों की संख्या सबसे अधिक रही है। यह दर्शाता है कि सरकार और उद्योग दोनों स्तरों पर वाहन सुरक्षा को लेकर निगरानी और सख़्ती बढ़ रही है। भारी उद्योग राज्यमंत्री श्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने लोकसभा में बताया कि सरकार की प्राथमिकता उपभोक्ताओं की सुरक्षा है और किसी भी प्रकार की खामी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कदम देश में वाहनों की गुणवत्ता और सड़क सुरक्षा को एक नई दिशा दे रहा है।