DRDO ने फाइटर जेट के लिए उन्नत हाई-स्पीड एस्केप सिस्टम का सफल परीक्षण किया
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DRDO ने फाइटर जेट के उन्नत एस्केप सिस्टम का हाई-स्पीड रॉकेट-स्लेज परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया, जिसमें कैनोपी सेवरेंस और ईजेक्शन प्रक्रिया की प्रभावी पुष्टि हुई।
यह परीक्षण ADA और HAL के सहयोग से सम्पन्न हुआ, जिससे भारत उन देशों की सूची में शामिल हुआ जिनके पास पूर्ण इन-हाउस इजेक्शन टेस्ट क्षमता है।
हाई-स्पीड कैमरों और ATD डमी के साथ किए गए इस मूल्यांकन ने एयरक्रू रिकवरी और सिस्टम की विश्वसनीयता को वास्तविक परिस्थितियों में प्रमाणित किया।
नई दिल्ली/ भारत की रक्षा तकनीक आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ा है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने लड़ाकू विमानों के लिए विकसित उन्नत एस्केप सिस्टम (Ejection System) का उच्च-गति रॉकेट-स्लेज परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया है। यह परीक्षण चंडीगढ़ स्थित टर्मिनल बैलिस्टिक्स रिसर्च लेबोरेटरी (TBRL) की रेल-ट्रैक रॉकेट-स्लेज सुविधा में किया गया।
इस परीक्षण में कैनोपी सेवरेंस, ईजेक्शन सीक्वेंसिंग, और एयरक्रू रिकवरी प्रक्रिया की प्रभावी पुष्टि की गई। प्रणाली ने नियंत्रित वेग पर वास्तविक परिस्थितियों जैसा प्रदर्शन किया, जो इसे दुनिया की उन्नत प्रणालियों की श्रेणी में शामिल करता है। DRDO ने इस जटिल परीक्षण को एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के सहयोग से सम्पन्न किया। यह क्षमता भारत को उन चुनिंदा देशों में शामिल करती है जो अपने देश में हाई-स्पीड इजेक्शन सिस्टम का पूर्ण परीक्षण करने में सक्षम हैं।
इजेक्शन प्रणाली का मूल्यांकन इंस्ट्रूमेंटेड एंथ्रोपोमॉर्फिक टेस्ट डमी (ATD) की सहायता से किया गया, जिसने वास्तविक पायलट पर पड़ने वाले बल, त्वरण तथा क्षणों को रिकॉर्ड किया। पूरा अनुक्रम ऑनबोर्ड तथा ग्राउंड-बेस्ड हाई-स्पीड कैमरों से रिकॉर्ड किया गया। भारतीय वायु सेना, इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन और अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के अधिकारियों ने इस परीक्षण का प्रत्यक्ष अवलोकन किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO, IAF, ADA, HAL एवं सभी वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है। DRDO प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत ने भी टीम को सराहा।