आईआईसीए-डीजीआर का तीसरा डायरेक्टर्स सर्टिफिकेशन प्रोग्राम पूरा
ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |
Senior Defence Officers
90 वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों को मिला कॉर्पोरेट गवर्नेंस प्रशिक्षण।
IICA–DGR का तीसरा डायरेक्टर्स सर्टिफिकेशन प्रोग्राम सफलतापूर्वक पूरा।
सैन्य नेतृत्व कौशल और कॉर्पोरेट बोर्डरूम क्षमताओं का प्रभावी संयोजन।
दिल्ली / भारतीय कॉर्पोरेट कार्य संस्थान (IICA) और रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत डायरेक्टरेट जनरल रीसैटलमेंट (DGR) ने वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों के लिए आयोजित कॉर्पोरेट गवर्नेंस पर डायरेक्टर्स सर्टिफिकेशन प्रोग्राम के तीसरे बैच को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह दो सप्ताह का कार्यक्रम 21 नवंबर 2025 को गुरुग्राम स्थित आईआईसीए कैंपस में संपन्न हुआ। इस बैच में सेना, नौसेना और वायुसेना के 30 वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। अगस्त 2024 से अब तक तीन बैचों के माध्यम से कुल 90 रक्षा अधिकारियों को कॉर्पोरेट गवर्नेंस और इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्शिप का प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। समापन समारोह में DG एवं CEO आईआईसीए, श्री ज्ञानेश्वर कुमार सिंह ने प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि रक्षा अधिकारियों की रणनीतिक सोच, जोखिम विश्लेषण क्षमता, नैतिक मूल्यों की समझ और दबाव में भी निष्पक्ष रहने की क्षमता उन्हें कॉर्पोरेट बोर्डरूम में एक मजबूत और संतुलित आवाज बनाती है। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम 35 विशेष सत्रों पर आधारित रहा, जिनमें नियामक ढाँचा, वित्तीय निगरानी, CSR, ऑडिट कमेटी कार्यप्रणाली और एंटरप्राइज रिस्क मैनेजमेंट जैसे विषय शामिल थे।
कार्यक्रम में पूर्व सचिव और नीति विशेषज्ञ डॉ. के. पी. कृष्णन ने स्वतंत्र निदेशकों की भूमिका को “हितधारकों के संरक्षक” बताते हुए कहा कि स्वतंत्र निदेशक अधिकतम लाभ नहीं बल्कि संतुलित निर्णय सुनिश्चित करने के लिए होते हैं। वहीं, रक्षा मंत्रालय की पूर्व सैनिक कल्याण सचिव स्मृति लिक्खी ने रक्षा कर्मियों को कॉर्पोरेट दुनिया में योगदान देने के अवसरों पर प्रकाश डाला और इसे आईआईसीए-डीजीआर की एक महत्वपूर्ण पहल बताया।
यह प्रमाणन कार्यक्रम प्रतिभागियों को इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स डेटाबैंक (IDDB) में पंजीकरण योग्य बनाता है, जिसमें वर्तमान में 35,000 से अधिक स्वतंत्र निदेशक सूचीबद्ध हैं। कार्यक्रम का उद्देश्य सैन्य अनुभव और कॉर्पोरेट जरूरतों के बीच सेतु बनाना है, ताकि भारतीय कंपनियों को सक्षम, नैतिक और दूरदर्शी बोर्ड सदस्य मिल सकें।