SIR को लेकर अखिलेश यादव की मांग: आपत्ति नहीं, लेकिन समय सीमा बढ़ाई जाए
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नकल न की जा सकने वाली वोटर आईडी कार्ड की जरूरत पर जोर और निष्पक्ष मतदान की बात।
अखिलेश यादव ने कहा, “हमें SIR में कोई आपत्ति नहीं, लेकिन समयसीमा बढ़ानी चाहिए।
शादी के सीजन में SIR चलने को होने वाली दिक्कतों का हवाला देते हुए बढ़ाने की मांग।
राजनीति / समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में चल रहे SIR (Special Intensive Revision) अभियान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि उन्हें इस प्रक्रिया से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इसकी समय सीमा अवश्य बढ़ाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वोटर सूची का पुनरीक्षण बेहद महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, लेकिन यह कार्य ऐसे समय में किया जा रहा है जब पूरे प्रदेश में शादी-विवाह का मौसम चल रहा है। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग अपने घरों से बाहर रहते हैं, जिसके कारण उनके नाम मतदाता सूची से हटने की आशंका बढ़ जाती है।
अखिलेश यादव ने बिहार के हालिया विधानसभा चुनावों का उदाहरण देते हुए कहा कि जहाँ SIR के तहत सबसे अधिक लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए, वहां संबंधित दलों को भारी नुकसान झेलना पड़ा। उन्होंने दावा किया कि यह प्रक्रिया गरीब, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग के मतदाताओं को सबसे अधिक प्रभावित करती है। उन्होंने चुनाव आयोग से अपील की कि लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए इस प्रक्रिया को जल्दबाजी में नहीं, बल्कि अधिक पारदर्शिता और समय देकर किया जाना चाहिए।
सपा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि समय सीमा बढ़ाने से चुनाव आयोग और प्रशासन को भी जांच-पड़ताल बेहतर तरीके से करने का मौका मिलेगा। उन्होंने मांग की कि ऐसी वोटर आईडी कार्ड प्रणाली लागू की जाए जिसे कोई नकल न कर सके और जिसे लेकर विवाद की गुंजाइश न बचे। उनका कहना है कि इससे फर्जी वोटिंग की आशंका खत्म होगी और चुनाव प्रक्रिया और मजबूत होगी।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि SIR की डेडलाइन नहीं बढ़ाई गई तो बड़ी आबादी मतदान अधिकार से वंचित रह सकती है, जिसके गंभीर राजनीतिक और सामाजिक परिणाम होंगे। विपक्षी दलों सहित कई सामाजिक संगठनों ने भी उनकी इस