राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ऑनलाइन इंटर्नशिप 2025 | मानवाधिकार शिक्षा व संवैधानिक जागरूकता

Wed 14-May-2025,04:15 PM IST +05:30

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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ऑनलाइन इंटर्नशिप 2025 | मानवाधिकार शिक्षा व संवैधानिक जागरूकता राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ऑनलाइन इंटर्नशिप 2025
  • एनएचआरसी द्वारा शुरू किया गया 2-सप्ताह का ऑनलाइन इंटर्नशिप प्रोग्राम।

  • देशभर के 1,795 में से 80 छात्रों का चयन, विविध शैक्षणिक पृष्ठभूमि से।

  • विशेषज्ञ व्याख्यान, वर्चुअल टूर और प्रतियोगिताओं के माध्यम से व्यावहारिक अनुभव।

Delhi / New Delhi :

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने एक सराहनीय पहल के तहत 2-सप्ताह का ऑनलाइन अल्पकालिक इंटर्नशिप (Online Short-Term Internship – OSTI) कार्यक्रम आरंभ किया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्वविद्यालयीन छात्रों को मानवाधिकारों की अवधारणाओं, उनके संवैधानिक प्रावधानों, और उन्हें संरक्षित व संवर्धित करने की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रणाली की जानकारी देना है। देशभर के 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के विभिन्न शैक्षणिक विषयों से 1,795 आवेदकों में से केवल 80 छात्रों का चयन किया गया है, जो इस बात का प्रमाण है कि इस कार्यक्रम के लिए प्रतिस्पर्धा और चयन की प्रक्रिया अत्यंत विवेकपूर्ण रही है।

कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के महासचिव श्री भरत लाल ने कहा कि भारत की 5,000 साल पुरानी सभ्यतागत विरासत हमें सहानुभूति, करुणा और न्याय के मूल्यों की ओर प्रेरित करती है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि देश के युवा न्याय, समानता और सम्मान के राजदूत बनें और मानवाधिकारों की रक्षा में सक्रिय भूमिका निभाएं। श्री भरत लाल ने छात्रों को संवैधानिक मूल्यों की गहरी समझ विकसित करने, प्रतिक्रिया पर आत्ममंथन करने और जीवन के उद्देश्य की खोज के साधन के रूप में विशेषज्ञों से ज्ञान अर्जित करने की प्रेरणा दी। उन्होंने यह भी बताया कि यह ऑनलाइन कार्यक्रम खासतौर पर ऐसे छात्रों के लिए बनाया गया है जो भौगोलिक या आर्थिक कारणों से दिल्ली नहीं आ सकते, फिर भी वे इस मंच से देश में मानवाधिकारों के विविध पहलुओं की गहन समझ प्राप्त कर सकते हैं।

अपने संबोधन में उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि भारत की संस्कृति ने सदा से सताए गए और शोषित वर्गों को शरण देने का काम किया है। उन्होंने मानवाधिकारों के संवर्धन में भारतीय न्यायपालिका, विशेषकर सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका पर प्रकाश डाला और बताया कि कैसे भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक के लिए सम्मानजनक जीवन की गारंटी देता है।

कार्यक्रम के दूसरे प्रमुख वक्ता राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के संयुक्त सचिव श्री समीर कुमार ने इंटर्नशिप कार्यक्रम की रूपरेखा और पाठ्यक्रम के विभिन्न घटकों का परिचय दिया। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान, टीम आधारित और व्यक्तिगत गतिविधियां जैसे पुस्तक समीक्षाएं, भाषण प्रतियोगिता, समूह अनुसंधान परियोजना प्रस्तुतिकरण और तिहाड़ जेल जैसे संस्थानों का वर्चुअल दौरा शामिल हैं। इससे प्रतिभागी छात्रों को मानवाधिकारों की व्यावहारिक सच्चाइयों का सीधा अनुभव मिलेगा। कार्यक्रम के पाठ्यक्रम समन्वयक लेफ्टिनेंट कर्नल वीरेंद्र सिंह हैं, जो कार्यक्रम की शैक्षणिक और प्रशासनिक व्यवस्था को सुनिश्चित कर रहे हैं।

यह इंटर्नशिप विशेष रूप से विविध शैक्षणिक पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है, ताकि वे मानवाधिकारों की समकालीन चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल अर्जित कर सकें। इसमें इंटरैक्टिव सत्रों के माध्यम से प्रशिक्षुओं को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून, भारत में मानवाधिकारों की व्याख्या, वकालत रणनीतियों और सामाजिक-न्यायिक व्यवस्था की व्यावहारिक समझ प्रदान की जाएगी।

इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि यह भारत के भविष्य निर्माता युवाओं को सामाजिक रूप से संवेदनशील और न्याय के लिए प्रतिबद्ध नागरिक बनने की दिशा में प्रेरित करता है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की यह पहल न केवल छात्रों के लिए सीखने का अवसर है, बल्कि यह समाज में संवेदनशील और जागरूक नेतृत्व विकसित करने का आधार भी है।