उत्तराखंड में हादसे पर हादसे
चमोली जिले के विष्णुगढ़-पीपलकोटी हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट की डैम साइट पर शनिवार को बड़ा हादसा हुआ, जब काम के दौरान पहाड़ का एक विशाल हिस्सा टूटकर गिर पड़ा। इस हादसे में 12 मजदूर घायल हो गए हैं। राहत-बचाव कार्य के लिए आपदा प्रबंधन की टीमें तुरंत मौके पर पहुंच गईं। घटनास्थल का एक वीडियो सामने आया है जिसमें पहाड़ी से पत्थर और कीचड़ तेजी से गिरते दिख रहे हैं, जो इस हादसे की भयावहता को दर्शाता है।
हिमाचल में हालात गंभीर
हिमाचल प्रदेश के मनाली और ऊना में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हुआ है। मनाली में लैंडस्लाइड के चलते चंडीगढ़-मनाली-लेह नेशनल हाईवे (NH-3) और अटल टनल का रास्ता बंद कर दिया गया है। ऊना में बीते 24 घंटे में 222.8 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जिससे 100 से अधिक घरों में पानी घुस गया और कई गाड़ियां डूब गईं। 14 वर्षों बाद इतनी ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है।
जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा स्थगित
लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण अमरनाथ यात्रा को 3 अगस्त से अस्थायी रूप से रोक दिया गया है, जबकि यात्रा का समापन 9 अगस्त को होना था। बालटाल और पहलगाम रूट पर मरम्मत कार्य जारी है। रियासी जिले में एक भूस्खलन में SDM और उनके बेटे की मौत हो गई जबकि उनकी पत्नी सहित 6 लोग घायल हो गए। उधमपुर जिले में भारी बारिश के कारण 1.58 करोड़ की लागत से बन रहा एक अंडर कंस्ट्रक्शन फुटब्रिज भी ढह गया।
बिहार में टूट गया संपर्क
लखीसराय जिले में लगातार मूसलधार बारिश के कारण कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। मुख्य सड़क बह जाने के कारण उरेन, चम्पा नगर और बसुआचक जैसे गांवों में आवागमन बाधित है।
अन्य राज्यों में भी अलर्ट
मौसम विभाग ने असम, मेघालय, सिक्किम और पश्चिम बंगाल में रेड अलर्ट, जबकि बिहार और अरुणाचल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा मध्यप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली समेत 19 राज्यों में हल्की से मध्यम बारिश का पूर्वानुमान जताया गया है। छत्तीसगढ़ के रायपुर समेत 10 जिलों में बिजली गिरने और भारी बारिश को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।
दक्षिण भारत में सूखे की चिंता
तमिलनाडु के मदुरै में स्थित थेनकल कनमई तालाब भीषण गर्मी और पानी की कमी के कारण सूख गया है। 377 एकड़ में फैला यह जलाशय स्थानीय किसानों और निवासियों के लिए जीवनरेखा है, लेकिन अब उनके सामने पानी का संकट गहरा गया है।
निष्कर्ष
मानसून की यह तीव्रता भारत के कई राज्यों में कहर बनकर टूटी है। भूस्खलन, सड़कों का टूटना, पुलों का ढहना और जानमाल का नुकसान यह दर्शाता है कि हमें प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए ज्यादा तैयारी की जरूरत है। फिलहाल राहत-बचाव कार्य तेजी से जारी है, लेकिन मौसम की यह मार कब थमेगी, इसका उत्तर फिलहाल अनिश्चित है।