आयुष मंत्रालय की अंतर्राष्ट्रीय सहयोग योजना और WHO साझेदारी से वैश्विक मान्यता

Tue 12-Aug-2025,05:23 PM IST +05:30

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आयुष मंत्रालय की अंतर्राष्ट्रीय सहयोग योजना और WHO साझेदारी से वैश्विक मान्यता आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा और योग के निर्यात, मानकीकरण व वैश्विक प्रचार को बढ़ावा
  • आयुष मंत्रालय की अंतर्राष्ट्रीय सहयोग योजना से निर्यात को बढ़ावा।

  • WHO के साथ पारंपरिक चिकित्सा के मानकीकरण में महत्वपूर्ण साझेदारी।

  • आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा व योग की वैश्विक मान्यता में वृद्धि।

Delhi / New Delhi :

आयुष मंत्रालय ने "आयुष के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा" (Promotion of International Cooperation for AYUSH – IC Scheme) नामक केंद्रीय क्षेत्र योजना विकसित की है। इस योजना के अंतर्गत मंत्रालय भारतीय आयुष औषधि निर्माताओं/आयुष सेवा प्रदाताओं को समर्थन प्रदान करता है, ताकि आयुष उत्पादों और सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा मिल सके। साथ ही, यह योजना आयुष चिकित्सा पद्धतियों के अंतर्राष्ट्रीय प्रचार, विकास और मान्यता को प्रोत्साहित करती है; हितधारकों के बीच संवाद और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयुष के बाजार विकास को बढ़ावा देती है; विदेशी देशों में आयुष शैक्षणिक चेयर (Academic Chair) की स्थापना तथा प्रशिक्षण कार्यशालाएं/सम्मेलनों का आयोजन कर वैश्विक स्तर पर आयुष पद्धतियों के प्रति जागरूकता एवं रुचि को मजबूत करती है, जिनमें आयुर्वेद भी शामिल है।

आयुष मंत्रालय ने अब तक 25 Country-to-Country स्तर के एमओयू, 52 Institute-to-Institute स्तर के एमओयू और 15 आयुष चेयर एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। इनकी विस्तृत सूची क्रमशः परिशिष्ट ‘A’, ‘B’ और ‘C’ में संलग्न है।

आयुष मंत्रालय और विश्वस्वास्थ्य संगठन (WHO) के बीच हुए समझौतों के अंतर्गत पारंपरिक चिकित्सा की विश्वसनीयता और वैश्विक स्वीकृति बढ़ाने के लिए कई सहयोगात्मक कदम उठाए गए हैं—

  • मानकीकृत शब्दावली दस्तावेज़ – WHO और आयुष मंत्रालय के सहयोग से आयुर्वेद, यूनानी और सिद्धा पद्धतियों के लिए मानकीकृत शब्दावली तैयार और प्रकाशित की गई है, ताकि इन पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों के लिए एक वैश्विक स्तर पर मान्य भाषा विकसित हो सके।

  • मानक बेंचमार्क दस्तावेज़ – आयुर्वेद और यूनानी पद्धतियों के अभ्यास एवं प्रशिक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानक तय किए गए हैं, जो वैश्विक स्तर पर चिकित्सकों की सुरक्षा, गुणवत्ता और क्षमता सुनिश्चित करते हैं।

  • वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा केंद्र (GTMC) – 2022 में WHO द्वारा, आयुष मंत्रालय के समर्थन से, वैश्विक पारंपरिक एवं पूरक चिकित्सा का ज्ञान केंद्र स्थापित किया गया, जो साक्ष्य-आधारित जानकारी का प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय हब है।

  • अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य वर्गीकरण में समावेशन – आयुष चिकित्सा प्रणालियों को WHO के प्रमुख साधनों जैसे International Classification of Diseases (ICD) और International Classification of Health Interventions (ICHI) में शामिल किया गया है, जिससे इन प्रणालियों की वैश्विक मान्यता और बढ़ी है।

  • नए WHO प्रकाशन – सिद्धा पद्धति में प्रशिक्षण एवं अभ्यास, तथा योग में प्रशिक्षण के लिए तकनीकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

  • पारंपरिक चिकित्सा की वैश्विक रणनीति (2025–2034) के विकास में सहयोग प्रदान किया जा रहा है।

  • ICHI के लिए पारंपरिक चिकित्सा श्रेणियां – आयुर्वेद, सिद्धा और यूनानी पद्धतियों पर केंद्रित पारंपरिक चिकित्सा हस्तक्षेप श्रेणियां और सूचकांक विकसित करने हेतु समझौता किया गया है, जो एक समग्र दृष्टिकोण पर आधारित है।