उत्तरकाशी धराली आपदा: चौथे दिन भी राहत व बचाव कार्य जारी, सेना-एनडीआरएफ-एसडीआरएफ मुस्तैद
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धराली आपदा में सेना-एनडीआरएफ-एसडीआरएफ का युद्धस्तरीय रेस्क्यू अभियान।
मुख्यमंत्री धामी व प्रधानमंत्री मोदी लगातार निगरानी में।
लोक निर्माण विभाग मार्ग बहाली और आपूर्ति पर फोकस में।
Uttarkashi / उत्तरकाशी जिले के धराली में आई प्राकृतिक आपदा के बाद राहत और बचाव कार्य चौथे दिन भी पूरी तत्परता से जारी हैं। सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस की टीमें लापता लोगों की तलाश में लगातार जुटी हुई हैं। शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राहत कार्यों की समीक्षा करते हुए बताया कि एमआई-17 और चिनूक हेलीकॉप्टरों की मदद से युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान चल रहा है। गंगोत्री, हर्षिल, झाला, जसपुर सहित कई स्थानों में फंसे यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार घटनाक्रम की जानकारी ले रहे हैं और केंद्र सरकार से पूर्ण सहयोग मिल रहा है।
सरकार का विशेष फोकस सड़क, संचार और बिजली की बहाली के साथ-साथ खाद्यान्न आपूर्ति पर है, जिसके लिए हेलीकॉप्टर के माध्यम से जरूरी सामग्री भेजी जा रही है। हालांकि खराब मौसम के कारण स्ट्रेटिजिक एरिया मातली से हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सके। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सचिव विनोद सुमन ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को आईटीबीपी मातली शिविर और जॉलीग्रांट (देहरादून) हेलीपैड तक एयरलिफ्ट किया जा रहा है। राहत सामग्री, पेयजल, दवाइयां और खाद्यान्न भी हेलीकॉप्टर द्वारा पहुंचाए जा रहे हैं।
लोक निर्माण विभाग के अनुसार, प्रदेश में कुल 381 मार्ग अवरुद्ध हुए थे, जिनमें से 235 मार्गों को खोल दिया गया है, जबकि 146 मार्ग अभी भी बंद हैं। इनमें 4 राष्ट्रीय राजमार्ग, 25 राज्य मार्ग, 18 मुख्य जिला मार्ग, 8 अन्य जिला मार्ग और 91 ग्रामीण मार्ग शामिल हैं। मार्गों को खोलने के लिए 514 मशीनें तैनात की गई हैं। बदरीनाथ और गंगोत्री मार्ग पर भारी बोल्डर गिरने से यातायात बाधित है और केदारनाथ यात्रा अस्थायी रूप से रोक दी गई है।
राज्य आपदा प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि आपदा को लेकर अफवाह फैलाने वालों पर आपदा अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई होगी। सोशल मीडिया पर भी अधिकारियों को लगातार निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। जिला प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अफवाह से सावधान रहें और संदिग्ध जानकारी फैलाने वालों की सूचना तुरंत प्रशासन को दें।
यह अभियान चुनौतीपूर्ण मौसम और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद तेजी से जारी है, ताकि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित किया जा सके और सामान्य जीवन बहाल हो सके।