उत्तरकाशी में बादल फटने से तबाही: चार की मौत, कई लापता, राहत कार्य जारी
ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |

उत्तरकाशी में बादल फटने से भारी तबाही, चार की मौत, कई लापता।
20 से अधिक होटल-होम स्टे बह गए, राहत व बचाव कार्य जारी।
NDRF, ITBP और प्रशासन आपातकालीन मोड पर सक्रिय।
Uttarkashi / उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धाराली गांव में मंगलवार सुबह बादल फटने से भयंकर तबाही मच गई। इस आपदा में अब तक कम से कम चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि स्थानीय प्रशासन के अनुसार 10 से 12 लोग मलबे में दबे होने की आशंका है। इसके अलावा, तेज बाढ़ में 20 से अधिक होटल और होम स्टे बह गए हैं, जिससे क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त किया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर लिखा कि उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात कर हालात की जानकारी ली है और राज्य सरकार की निगरानी में राहत व बचाव कार्य तेज़ी से चल रहा है। पीएम ने आश्वासन दिया कि प्रभावितों की सहायता में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से बात कर स्थिति का आकलन किया है और ITBP की तीन टीमों तथा NDRF की चार टीमों को तत्काल घटनास्थल के लिए रवाना किया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर जान-माल की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं।
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी इस घटना पर संवेदना व्यक्त करते हुए प्रशासन से राहत कार्य तेज करने की अपील की और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को ज़रूरतमंदों की मदद के लिए आगे आने का आग्रह किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बादल फटने की इस घटना को अत्यंत दुःखद बताया और भगवान बदरी विशाल से सभी प्रभावित लोगों की कुशलता की प्रार्थना की।
जिला प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों के लिए आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं — 01374222126, 01374222722 और 9456556431 — जिन पर प्रभावित लोग और उनके परिजन मदद के लिए संपर्क कर सकते हैं। जिला आपातकालीन संचालन केंद्र (DEOC) उत्तरकाशी भी आपदा प्रबंधन और समन्वय में सक्रिय है।
मौके पर NDRF, ITBP और स्थानीय प्रशासन की टीमें मलबा हटाने, फंसे लोगों को निकालने और घायलों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में जुटी हैं। धाराली गांव के आसपास के क्षेत्र में नदी-नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है, जिससे हालात और गंभीर हो गए हैं। तेज बाढ़ और मलबा बहने के कारण कई सड़कों का संपर्क टूट गया है, जिससे राहत सामग्री पहुंचाने में कठिनाई हो रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह घटना अचानक हुई, जिससे लोगों को संभलने का मौका नहीं मिला। भारी बारिश और मलबे के साथ आई तेज धारा ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है। प्रशासन ने आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है और पर्यटकों से क्षेत्र से दूर रहने की अपील की है।
यह त्रासदी एक बार फिर पर्वतीय क्षेत्रों में बादल फटने और अचानक बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं की गंभीरता को उजागर करती है, जिसके लिए समय रहते ठोस आपदा प्रबंधन और पूर्व चेतावनी प्रणाली की आवश्यकता है।