हिमाचल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट: मूसलाधार बारिश, 192 मौतें और 1753 करोड़ का नुकसान

Tue 05-Aug-2025,10:51 PM IST +05:30

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हिमाचल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट: मूसलाधार बारिश, 192 मौतें और 1753 करोड़ का नुकसान Himachal Pradesh rain alert
  • हिमाचल में ऑरेंज अलर्ट के बीच लगातार बारिश और भूस्खलन।

  • सैकड़ों सड़कें, राष्ट्रीय राजमार्ग और बिजली-पानी की आपूर्ति बाधित।

  • अब तक 192 मौतें और 1753 करोड़ का नुकसान दर्ज।

Himachal Pradesh / Kulu :

Kulu / हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग के ऑरेंज अलर्ट के बीच सोमवार रात से मंगलवार सुबह तक लगातार मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सबसे ज्यादा असर पहले से आपदा से जूझ रहे मंडी जिले में देखने को मिला, जहां भारी वर्षा से नदियाँ-नाले उफान पर हैं। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और निर्देशों का पालन करने की अपील की है। सुंदरनगर में चार सरकारी स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई, हालांकि शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित रहेंगे।

मौसम विभाग के अनुसार, मंडी में 151 मिमी, बाग्गी में 104 मिमी, सुंदरनगर में 84 मिमी, मुरारी देवी में 83 मिमी, नादौन में 78 मिमी और गोहर में 72 मिमी वर्षा दर्ज की गई। बारिश से कोल डैम और ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ गया, जिसके चलते अतिरिक्त पानी छोड़ा जाएगा। लोगों और पर्यटकों को नदी-नालों के किनारे न जाने की चेतावनी दी गई है।

मंगलवार को ऊना, बिलासपुर और कांगड़ा में भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि मंडी, हमीरपुर और सिरमौर में येलो अलर्ट है। 6 से 11 अगस्त तक कई क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। चंबा जिले के भरमौर की बलोठ पंचायत में भूस्खलन से एक दर्जन गांवों का संपर्क कट गया है। शिमला, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू और किन्नौर में भी लगातार बारिश जारी है।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक, चार राष्ट्रीय उच्च मार्ग और 449 सड़कें बंद हैं। मंडी में सबसे अधिक 318 सड़कें, कुल्लू में 67, कांगड़ा में 32 और सिरमौर में 22 सड़कें बाधित हैं। 783 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हैं, जिनमें से 656 मंडी में बंद हैं। 276 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं।

इस मानसून सीजन में अब तक 192 लोगों की मौत हो चुकी है—मंडी में 42, कांगड़ा में 30, शिमला, कुल्लू और चंबा में 18-18, सोलन में 13, हमीरपुर में 12, ऊना और किन्नौर में 11-11, बिलासपुर में 8, लाहौल-स्पीति में 6 और सिरमौर में 5। कुल 1692 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें से 464 पूरी तरह ढह चुके हैं। मंडी में ही 1089 घरों को नुकसान पहुँचा है। इसके अलावा 298 दुकानें और 1524 पशुशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं।

सरकारी आकलन के अनुसार, अब तक 1753 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है—लोक निर्माण विभाग को 888 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 618 करोड़ रुपये की क्षति हुई है। मौसम का यह दौर फिलहाल थमने के आसार नहीं हैं, जिससे आने वाले दिनों में नुकसान और बढ़ सकता है।