कोलकाता होटल अग्निकांड: 15 की दर्दनाक मौत, जांच के लिए एसआईटी गठित, पीएम मोदी ने जताया शोक
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कोलकाता के सस्ते होटल 'ऋतुराज' में आग लगने से एक महिला और दो बच्चों समेत 15 लोगों की दर्दनाक मौत, 13 घायल।
दमकल की 10 गाड़ियों ने 10 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया; SIT और फोरेंसिक टीम जांच में जुटी।
पीएम मोदी ने जताया शोक, मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 की सहायता राशि देने की घोषणा।
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के मच्छुआपट्टी इलाके में मंगलवार रात एक सस्ते होटल में भीषण आग लगने की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस त्रासदी में एक महिला और दो बच्चों समेत 15 लोगों की मौत हो गई, जबकि 13 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह भीषण हादसा शाम करीब साढ़े सात बजे हुआ जब होटल ‘ऋतुराज’ में अचानक आग भड़क उठी। उस समय होटल में 42 कमरों में कुल 88 लोग ठहरे हुए थे।
दमकल विभाग की 10 गाड़ियां मौके पर भेजी गईं, और करीब 10 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बुधवार सुबह साढ़े तीन बजे आग पर काबू पाया गया। कोलकाता पुलिस के अनुसार मृतकों में 11 पुरुष शामिल हैं, जिनमें से आठ की पहचान हो चुकी है। घायलों को इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई है।
इस दर्दनाक घटना के बाद कोलकाता पुलिस ने तुरंत एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है, जो इस हादसे के कारणों की जांच करेगा। फोरेंसिक टीम भी घटनास्थल की बारीकी से जांच कर रही है, ताकि यह पता चल सके कि आग कैसे लगी। फिलहाल आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस भीषण अग्निकांड पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, “कोलकाता में आग की घटना में हुई मौतों से दुखी हूं। अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति संवेदना। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।” साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय ने घोषणा की कि प्रत्येक मृतक के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी, जबकि घायलों को 50,000 रुपये की सहायता दी जाएगी।
घटना के बाद पश्चिम बंगाल की राजनीति में भी हलचल देखने को मिली। राज्य के भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब राजधानी कोलकाता में आग से निर्दोष लोग जान गंवा रहे थे, उस समय मुख्यमंत्री दीघा में एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल थीं। उन्होंने इसे प्रशासनिक असंवेदनशीलता और विफलता करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी ने धार्मिक कार्यक्रम को प्राथमिकता दी और आग की घटना पर कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं दी।
राज्य मंत्री सुजीत बोस ने घटनास्थल का दौरा कर पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात की और राहत कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि सरकार पीड़ितों की हर संभव सहायता करेगी।
इस त्रासदी ने राज्य की अग्निशमन सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। होटल में फायर सेफ्टी के क्या इंतजाम थे, क्या भवन नियमों का पालन हुआ था—इन सबकी जांच एसआईटी करेगी।
कोलकाता जैसे घनी आबादी वाले शहर में ऐसी घटना से न केवल लोगों की जान गई, बल्कि एक बार फिर यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या हमारे होटल और रिहायशी इमारतें सुरक्षित हैं?
यह घटना एक चेतावनी है कि सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर व्यवसायिक गतिविधियों को चलाना कितना खतरनाक साबित हो सकता है। अब देखना होगा कि जांच के बाद दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है और राज्य सरकार इस दिशा में भविष्य में क्या कदम उठाती है।