इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए हाईवे और एक्सप्रेसवे तैयार: 4 प्रमुख गलियारों पर 236 ईवी स्टेशन तैयार

Tue 02-Dec-2025,09:48 PM IST +05:30

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इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए हाईवे और एक्सप्रेसवे तैयार: 4 प्रमुख गलियारों पर 236 ईवी स्टेशन तैयार
  • चार प्रमुख हाईवे गलियारों पर 236 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए गए। सरकारी व निजी क्षेत्र मिलकर ईवी चार्जिंग नेटवर्क को तेजी से बढ़ा रहे हैं।

  • चार प्रमुख हाईवे और एक्सप्रेसवे गलियारों पर 236 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित, तेल विपणन कंपनियों ने किया विस्तृत नेटवर्क तैयार। सरकार के अनुसार ईवी चार्जिंग स्टेशन गैर-लाइसेंसीकृत गतिविधि, निजी क्षेत्र तेजी से बढ़ा रहा है चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार।

Delhi / New Delhi :

नई दिल्ली/ भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के तेजी से बढ़ते उपयोग को देखते हुए, केंद्र सरकार और सार्वजनिक तेल कंपनियां मिलकर ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में जुटी हैं। लोकसभा में भारी उद्योग राज्य मंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने जानकारी दी कि देश के चार प्रमुख हाईवे और एक्सप्रेसवे गलियारों पर कुल 236 ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा चुके हैं।

हालांकि गलियारेवार केंद्रीकृत डेटा उपलब्ध नहीं है, लेकिन इंडियन ऑयल, बीपीसीएल और एचपीसीएल ने बेंगलुरु–चेन्नई एक्सप्रेसवे, बेंगलुरु–हैदराबाद हाईवे (एनएच 44), बेंगलुरु–मैसूर एक्सप्रेसवे (एनएच 275) और बेंगलुरु–हैदराबाद हाईवे (एनएच 48) पर मिलकर मजबूत चार्जिंग नेटवर्क बनाया है।

गलियारों पर स्थापित इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों की संख्या की स्थिति

  • बेंगलुरु–चेन्नई एक्सप्रेसवे: 30 चार्जिंग स्टेशन

  • बेंगलुरु–हैदराबाद हाईवे (NH-44): 64 चार्जिंग स्टेशन

  • बेंगलुरु–मैसूर एक्सप्रेसवे (NH-275): 33 चार्जिंग स्टेशन

  • बेंगलुरु–हैदराबाद हाईवे (NH-48): 109 चार्जिंग स्टेशन
    कुल: 236 स्टेशन

सरकारी निवेश के अलावा, निजी कंपनियां भी 17 सितंबर 2024 के ऊर्जा मंत्रालय के दिशानिर्देशों के तहत स्वतंत्र रूप से स्टेशन स्थापित कर रही हैं। ईवी चार्जिंग स्टेशन की स्थापना को ग़ैर-लाइसेंसीकृत गतिविधि माना गया है, जिससे निजी क्षेत्र की भागीदारी तेज़ी से बढ़ रही है।

सरकार ने इन मार्गों की ईवी चार्जिंग पर्याप्तता पर अभी कोई विशिष्ट अध्ययन नहीं किया है, लेकिन प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (PSA) कार्यालय द्वारा किए गए अध्ययन में 10 प्राथमिकता वाले शून्य-उत्सर्जन ट्रकिंग गलियारों की पहचान की गई है। इनमें बेंगलुरु–चेन्नई गलियारा भी प्रमुख है।

भारत की राष्ट्रीय ग्रिड व्यवस्था पहले से ही मजबूत है और नई बढ़ती ऊर्जा मांग, विशेषकर EV चार्जिंग लोड के अनुरूप लगातार विस्तार हो रहा है। यह सुनिश्चित करता है कि आने वाले वर्षों में ईवी चार्जिंग नेटवर्क को ऊर्जा की आपूर्ति में कोई बाधा न हो।