भारत की विद्युत क्षमता 5.05 लाख मेगावाट पहुँची, गैर-जीवाश्म स्रोतों की हिस्सेदारी 50% से ऊपर
ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |
भारत की कुल विद्युत क्षमता 5.05 लाख मेगावाट पहुँच गई है। पहली बार गैर-जीवाश्म स्रोतों की हिस्सेदारी जीवाश्म स्रोतों से अधिक हुई, ऊर्जा परिवर्तन में बड़ी उपलब्धि।
भारत की कुल विद्युत क्षमता 5.05 लाख मेगावाट हुई, जिसमें गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोत पहली बार जीवाश्म स्रोतों से आगे निकल गए हैं। सरकार ने 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म क्षमता के लक्ष्य को पूरा करने हेतु सौर, पवन, हाइड्रोजन और परमाणु ऊर्जा योजनाओं में निवेश बढ़ाया।
ऊर्जा भंडारण, पंप स्टोरेज और ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के साथ भारत नवीकरणीय ऊर्जा के वैश्विक हब के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है।
नई दिल्ली / भारत ने ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। 31 अक्टूबर 2025 तक देश की कुल स्थापित विद्युत उत्पादन क्षमता 5,05,023 मेगावाट हो चुकी है, जिसमें सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि पहली बार गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित क्षमता (2,59,423 मेगावाट) जीवाश्म ईंधन क्षमता (2,45,600 मेगावाट) से आगे निकल गई है। यह भारत के लिए वैश्विक ऊर्जा मंच पर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो जलवायु कार्रवाई और सतत विकास के प्रति उसकी मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
भारत सरकार ने 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को समय से पहले हासिल करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए, देश ने नवीकरणीय ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन, परमाणु ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण और ग्रिड सुधार के क्षेत्रों में कई व्यापक पहलें की हैं।
नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में तेज़ वृद्धि
भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 2,50,643 मेगावाट तक पहुँच चुकी है, जिसमें प्रमुख योगदान सौर ऊर्जा (1,29,924 मेगावाट) और पवन ऊर्जा (53,600 मेगावाट) का है। सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए ISTS शुल्क माफी, 100% FDI, ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर और सौर पार्क जैसी कई योजनाएँ लागू की हैं। 50 गीगावाट प्रति वर्ष नीलामी का वार्षिक लक्ष्य भी नवीकरणीय क्षेत्र में तेज़ निवेश का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।
परमाणु ऊर्जा: 2047 तक 100 गीगावाट क्षमता का लक्ष्य
भारत ने दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा के लिए परमाणु ऊर्जा को ऊर्जा मिश्रण का एक अहम हिस्सा बनाया है। सरकार 2047 तक 100 GW परमाणु क्षमता तैयार करने की दिशा में काम कर रही है। छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR), उन्नत परमाणु तकनीक और सार्वजनिक-निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए परमाणु ऊर्जा अधिनियम में संशोधन किए जा रहे हैं।
ऊर्जा भंडारण और पंप स्टोरेज पर बड़ा निवेश
नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकरण को मजबूत करने के लिए Battery Energy Storage Systems (BESS) में VGF योजना के तहत 43.22 GWh भंडारण क्षमता के विकास को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा 11,870 मेगावाट की पंप स्टोरेज परियोजनाएँ निर्माणाधीन हैं।
ग्रीन हाइड्रोजन मिशन से नई आर्थिक संभावनाएँ
भारत का राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन 2030 तक 5 MMT प्रति वर्ष उत्पादन का लक्ष्य रखता है, जिसके लिए लगभग 125 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता की आवश्यकता होगी। यह मिशन भारत को वैश्विक ग्रीन हाइड्रोजन हब बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।
भारत का ऊर्जा परिवर्तन रोडमैप
भारत का यह परिवर्तन न सिर्फ स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन बढ़ाता है बल्कि ऊर्जा सुरक्षा, किफ़ायत और उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए 2070 तक नेट-ज़ीरो लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में भी मजबूत आधार तैयार करता है।