राजस्थान के सूखा प्रभावित क्षेत्रों में जल जीवन मिशन को तेज़ी, नल जल पहुंच बढ़ाने पर जोर

Tue 02-Dec-2025,01:59 AM IST +05:30

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राजस्थान के सूखा प्रभावित क्षेत्रों में जल जीवन मिशन को तेज़ी, नल जल पहुंच बढ़ाने पर जोर
  • राजस्थान के सूखा प्रभावित क्षेत्रों में पाइप जलापूर्ति योजनाओं को प्राथमिकता देते हुए जल जीवन मिशन के तहत तेज़ और आधुनिक जल संरचना विकसित की जा रही है।

  • केंद्र सरकार ने दुर्गम और मरुस्थलीय क्षेत्रों के लिए 30% अतिरिक्त फंड वेटेज देकर ग्रामीण परिवारों को सुरक्षित नल जल उपलब्ध कराने पर जोर बढ़ाया।

     

  • JJM-IMIS, PFMS और राष्ट्रीय समीक्षा बैठकों के माध्यम से मिशन की प्रगति की पारदर्शी निगरानी कर राज्यों को 100% कवरेज की दिशा में निर्देशित किया गया।

Delhi / New Delhi :

नई दिल्ली / राजस्थान के सूखा प्रभावित और मरुस्थलीय क्षेत्रों में पेयजल संकट लंबे समय से एक बड़ी चुनौती रहा है। इसी समस्या को दूर करने के लिए भारत सरकार अगस्त 2019 से जल जीवन मिशन (JJM) को राजस्थान सहित सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में लागू कर रही है। इस मिशन का उद्देश्य देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराना है। पेयजल राज्य का विषय होने के कारण योजनाओं का अनुमोदन, क्रियान्वयन, संचालन और रखरखाव (O&M) की जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों की होती है, जबकि केंद्र सरकार तकनीकी और वित्तीय समर्थन प्रदान करती है।

JJM के तहत निधि आवंटन में दुर्गम क्षेत्रों को विशेष प्राथमिकता दी गई है। विशेष रूप से मरुस्थलीय क्षेत्रों और DDP/DPAP जैसे सूखा प्रभावित ज़िलों में पाइप जलापूर्ति योजनाओं को लागू करने के लिए 30% वेटेज प्रदान किया गया है। इसका उद्देश्य उन इलाकों तक सुरक्षित पानी पहुँचाना है, जहां अभी भी जल स्रोतों की कमी है या मौसमी जल उपलब्धता बेहद सीमित है।

वित्त मंत्री द्वारा बजट 2025 में मिशन को 2028 तक विस्तार देने की घोषणा के बाद, अब सरकार 100% कवरेज सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता, स्थिरता और ग्रामीण जलापूर्ति के विश्वसनीय संचालन पर विशेष ध्यान दे रही है। पूरे देश में मिशन के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए संयुक्त समीक्षा बैठकों, वार्षिक कार्य योजनाओं (AAP) के अंतिम रूप, कार्यशालाओं, प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता और व्यापक फील्ड विजिट्स का आयोजन किया जा रहा है।

JJM-IMIS और JJM-Dashboard जैसी डिजिटल मॉनिटरिंग प्रणालियों के माध्यम से पारदर्शी और वास्तविक समय की निगरानी सुनिश्चित की गई है। साथ ही PFMS के जरिए वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाई गई है। विभाग ने देश के 729 जिलाधिकारियों, कलेक्टरों और उपायुक्तों के साथ बैठक कर मिशन की जिला-स्तरीय प्रगति की समीक्षा की है। अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वे विशेष रूप से PVTG बस्तियों, सूखा प्रभावित क्षेत्रों और आकांक्षी जिलों में कवरेज बढ़ाने पर फोकस करें।

ये सभी प्रयास इस दिशा में स्पष्ट संकेत देते हैं कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर जल संकट से जूझ रहे राजस्थान और अन्य राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों को स्वच्छ, सुरक्षित और नियमित पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में तेजी से काम कर रही हैं। मिशन का उद्देश्य न केवल पानी उपलब्ध कराना है, बल्कि ग्रामीण भारत में जीवन स्तर को बेहतर बनाना और जल सुरक्षा को स्थायी रूप देना है।