माघ मेला 2026: योगी सरकार की बड़ी तैयारी, भीड़ होगी करोड़ों में – इंतज़ाम कितने मजबूत?
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माघ मेला 2026 की तैयारी युद्धस्तर पर.
सुरक्षा, स्वास्थ्य और परिवहन की विशेष व्यवस्था.
12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना.
Prayagraj / प्रयागराज में आयोजित होने वाला माघ मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि आस्था, परंपरा और आध्यात्मिक अनुभव का अद्भुत संगम है। इसी महत्वपूर्ण आयोजन को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में समीक्षा बैठक की और फिर पत्रकारों को इसकी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस बार मेले की तैयारी युद्धस्तर पर चल रही है और आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधाओं और सुरक्षा के मामले में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार मेला सामान्य से 15 दिन पहले शुरू हो रहा है। तीन जनवरी से लेकर 15 फरवरी तक यह मेला चलेगा, जिसमें पौष पूर्णिमा से लेकर महाशिवरात्रि तक के छह प्रमुख स्नान पर्व शामिल हैं। ये पर्व हैं— पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि। इन महत्वपूर्ण तिथियों पर देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु संगम में पवित्र स्नान करने पहुंचते हैं। अनुमान है कि इस बार लगभग डेढ़ महीने के दौरान 12 से 15 करोड़ लोग प्रयागराज पहुंचेंगे। इनमें 20 से 25 लाख लोग ऐसे होंगे जो पूरे महीने यहां कल्पवास करके साधना और तपस्या करेंगे।
मेले को इतने बड़े स्तर पर संचालित करने के लिए सरकार ने लगभग 800 हेक्टेयर का क्षेत्र चिन्हित किया है। इसे सात प्रमुख सेक्टरों में बांटा गया है ताकि सुरक्षा व्यवस्था और आवागमन सुचारु रहे। श्रद्धालुओं को वाहनों की समस्या न हो, इसलिए 42 स्थानों पर विशाल पार्किंग क्षेत्र बनाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रयागराज मेला प्राधिकरण के नेतृत्व में यह पूरा आयोजन संचालित हो रहा है। यही टीम 2025 के भव्य महाकुंभ का आयोजन कर चुकी है और उसी अनुभव को आगे बढ़ाते हुए इस बार भी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह आयोजन केवल प्रशासनिक तैयारी नहीं बल्कि भारत की सनातन संस्कृति की शक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है।
सरकार ने विभिन्न विभागों को अलग-अलग जिम्मेदारियां दी हैं। सिंचाई विभाग जल उपलब्धता सुनिश्चित करेगा, वहीं नमामि गंगे टीम पानी की शुद्धता का ध्यान रखेगी। बिजली विभाग द्वारा 47 किलोमीटर की एचटी लाइन, 360 किलोमीटर की एलटी लाइन और 25 अस्थायी सब स्टेशन बनाए जा रहे हैं ताकि पूरे क्षेत्र में बिजली निर्बाध उपलब्ध रहे।
पीडब्ल्यूडी द्वारा आवागमन के लिए सात पांटून पुल बनाए जा रहे हैं और लगभग 160 किलोमीटर में चकर्ड प्लेट बिछाई जा रही है ताकि रास्ते बारिश या भीड़ के बीच भी सुरक्षित रहें। जल निगम 242 किलोमीटर की पेयजल पाइपलाइन और 85 किलोमीटर की सीवर लाइन बिछा रहा है ताकि गंगा या यमुना में एक बूंद भी सीवर का पानी न पहुंचे।
श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है। 20-20 बेड के दो अस्थायी अस्पताल, 12 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक चिकित्सा यूनिट और 50 एंबुलेंस लगातार उपलब्ध रहेंगी।
स्वच्छता के लिए नगर निगम 25,000 शौचालय, 8,000 डस्टबिन और 3,000 सफाईकर्मियों को तैनात कर रहा है। इसके साथ ही आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए 400 एआई-युक्त सीसीटीवी कैमरों से सुरक्षा और भीड़ की निगरानी की जाएगी।
पुलिस और प्रशासन की ओर से 17 थाने, 42 चौकियां, जल पुलिस इकाई, फायर टेंडर और वॉच टावर स्थापित किए जा रहे हैं। परिवहन के लिए 3800 बसें चलाई जाएंगी जिनमें 3000 सरकारी बसें होंगी। इलेक्ट्रिक बसें और 75 शटल बसें भी उपलब्ध रहेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज का यह माघ मेला विश्व को भारत की आध्यात्मिक पहचान, संस्कृति और धार्मिक विरासत का संदेश देता है। उनका विश्वास है कि इस बार भी यह आयोजन श्रद्धा और व्यवस्था दोनों में अविस्मरणीय साबित होगा।