आतंकी हमले में यासीन मलिक की भूमिका साबित? चश्मदीदों ने कोर्ट में दी पहचान
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कोर्ट के बाहर जवानों के साथ यासीन मलिक
चार वायुसेना जवानों की शहादत का केस मजबूत: दो गवाहों ने यासीन मलिक को बताया हमलावर।
35 साल पुराने केस में अहम मोड़: कोर्ट में गवाही से यासीन मलिक मुश्किल में।
एयरफोर्स जवानों पर गोलीबारी का सच आया सामने, चश्मदीद बोले, यासीन मलिक ही था हमलावर।
जम्मू / जम्मू-कश्मीर में 1990 में भारतीय वायुसेना के जवानों पर हुए हमले के मामले में अलगाववादी नेता यासीन मलिक को बड़ा झटका लगा है। शनिवार को इस गंभीर मामले की सुनवाई जम्मू की टाडा कोर्ट में हुई, जहां दो अहम गवाहों ने यासीन मलिक और उसके तीन साथियों की पहचान की। गवाहों ने कोर्ट में स्पष्ट कहा कि गोली चलाने वाला व्यक्ति स्वयं यासीन मलिक ही था। इस हमले में भारतीय वायुसेना के 4 जवान शहीद हुए थे, जबकि 22 अन्य गंभीर रूप से घायल हुए थे। गवाही में एयरफोर्स के एक स्टाफर और एक अन्य चश्मदीद ने बताया कि हमले के दौरान मौके पर मौजूद आतंकी समूह की अगुवाई यासीन मलिक कर रहा था। इसके अलावा, उसके साथियों जावेद मीर, नाना जी और शौकत बख्शी की भी पहचान की गई, यह मामला तीन दशक से अधिक समय से लंबित रहा है, लेकिन अब गवाहों की महत्वपूर्ण गवाही से एयरफोर्स हमला केस में कानूनी प्रक्रिया तेज होने की उम्मीद बढ़ गई है।
बीजेपी नेताओं ने इस घटनाक्रम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि न्याय में भले देर हुई हो, लेकिन यह कड़ा संदेश है कि देशद्रोह और आतंकवाद के मामलों में कोई भी सजा से बच नहीं सकता। वहीं, अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 29 नवंबर तय की है, जिसमें मामले की आगे की कार्यवाही होगी।
यह केस कश्मीर में 90 के दशक के आतंकवादी दौर की सबसे संवेदनशील घटनाओं में से एक माना जाता है।