पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले पीएम मोदी की भाजपा सांसदों संग अहम रणनीतिक बैठक
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पीएम मोदी ने बंगाल भाजपा सांसदों के साथ बैठक कर आगामी विधानसभा चुनाव के लिए संगठन, रणनीति और जमीनी तैयारी पर विशेष जोर दिया।
संसद में SIR चर्चा से पहले हुई इस बैठक को भाजपा की चुनावी दिशा तय करने वाला अहम कदम माना जा रहा है।
नई दिल्ली/ पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर केंद्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। सभी राजनीतिक दल चुनावी तैयारी में जुट चुके हैं और इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को संसद भवन में पश्चिम बंगाल के सभी भाजपा सांसदों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक को आगामी चुनाव की रणनीति से जुड़ा सबसे अहम कदम माना जा रहा है।
बैठक के दौरान पीएम मोदी ने राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति, संगठनात्मक मजबूती, बूथ स्तर पर पार्टी की पकड़ और आने वाले महीनों में अपनाई जाने वाली रणनीति पर विस्तृत चर्चा की। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने सांसदों को स्थानीय स्तर पर सक्रियता बढ़ाने, लोगों से सीधा संवाद स्थापित करने और विपक्ष द्वारा किए जा रहे दावों का तथ्यों के साथ मुकाबला करने की सलाह दी।
यह बैठक उस समय हुई जब संसद में 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर चर्चा का कार्यक्रम तय किया गया था, जिनमें पश्चिम बंगाल भी शामिल है। इसी से पहले प्रधानमंत्री ने अपने सांसदों के साथ अलग से चर्चा कर चुनाव को लेकर भाजपा की दिशा और प्राथमिकताएँ स्पष्ट कीं।
संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने बताया था कि लोकसभा स्पीकर की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में महत्वपूर्ण कार्यक्रम तय किए गए। तय हुआ कि 8 दिसंबर को सदन में राष्ट्रगीत ‘वन्दे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने पर विशेष चर्चा होगी। वहीं 9 दिसंबर को देश में चुनाव सुधारों पर विस्तार से विमर्श होगा। इसी पृष्ठभूमि में पीएम मोदी की बंगाल सांसदों के साथ बैठक को चुनावी दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा पश्चिम बंगाल में पिछले चुनाव में मिले समर्थन को और मजबूत करना चाहती है। पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस बार संगठन और कैडर को लेकर ज्यादा सतर्क दिखाई दे रहा है। प्रधानमंत्री की बैठक के बाद यह भी स्पष्ट संदेश गया है कि भाजपा उच्च स्तरीय रणनीति के साथ चुनाव मैदान में उतरने जा रही है। वहीं टीएमसी और अन्य विपक्षी दल भी चुनावी गतिविधियों को तेज कर चुके हैं। आने वाले महीनों में राज्य की राजनीति में और तेजी आने की उम्मीद है, जिससे पूरा चुनावी माहौल गर्म होता नजर आएगा।