डीआरआई ने तूतीकोरिन में ई-सिगरेट तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया, 3 गिरफ्तार
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डीआरआई ने तूतीकोरिन में ई-सिगरेट तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया, 45,984 ई-सिगरेट जब्त कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया।
तस्करी कंटेनर में छतरियों के बीच छुपाई गई ई-सिगरेट को पकड़कर अधिकारियों ने 10.42 करोड़ रुपये की अवैध खेप रोकी।
ई-सिगरेट का आयात भारत में PECA Act 2019 और DGFT अधिसूचना के तहत प्रतिबंधित है, DRI देशभर में सतर्क है।
तमिलनाडु/ थूथुकुडी राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने तूतीकोरिन बंदरगाह पर एक बड़े ई-सिगरेट तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में कुल 45,984 ई-सिगरेट जब्त की गई हैं, जिनकी कीमत लगभग 10.42 करोड़ रुपये है। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। डीआरआई को खुफिया जानकारी मिली थी कि ई-सिगरेट की तस्करी में शामिल गिरोह चीन से कंटेनर के माध्यम से भारत में ई-सिगरेट लाने की योजना बना रहा था। इस सूचना के आधार पर अधिकारियों ने 27 नवंबर 2025 को कंटेनर को रोककर उसकी जांच की।
जांच के दौरान अधिकारियों को कंटेनर में छतरियों के रूप में घोषित कुछ डिब्बे मिले। हालांकि, कंटेनर के एक बड़े हिस्से में छुपाई गई ई-सिगरेट पाई गई। सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के तहत, 4,300 छतरियों के बीच मिश्रित स्वादों की 45,984 ई-सिगरेट जब्त की गईं। इनकी कुल कीमत लगभग 10.41 करोड़ रुपये आंकी गई।
डीआरआई ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए इस खेप को ले जाने में शामिल चेन्नई के तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। उन्हें सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया।
ई-सिगरेट का आयात भारत में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अधिनियम, 2019 (PECA Act) और DGFT अधिसूचना सं. 20/2015-2020 के तहत प्रतिबंधित है। इस कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि भारत में ई-सिगरेट की तस्करी को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
डीआरआई का यह कदम देश भर में निरंतर सतर्कता और प्रवर्तन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। प्रतिबंधित और हानिकारक सामान की तस्करी को रोककर देश के आर्थिक हितों और सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करना DRI की प्राथमिकता है। अधिकारियों ने कहा कि भविष्य में भी ऐसे गिरोहों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी रहेगी। तूतीकोरिन कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि डीआरआई सिर्फ राजस्व संग्रह ही नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा, स्वास्थ्य और प्रतिबंधित वस्तुओं पर नियंत्रण के लिए भी लगातार सतर्क है। तस्करी के ऐसे रैकेटों पर अंकुश लगाना भारत की सीमा सुरक्षा और कानून व्यवस्था की मजबूती का प्रतीक है।