वंदे मातरम के 150 साल: संसद में 10 घंटे की चर्चा, पीएम मोदी करेंगे शुरुआत
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संसद में 8 दिसंबर को वंदे मातरम पर 10 घंटे की विशेष चर्चा होगी, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी उद्घाटन भाषण देंगे और सदस्य ऐतिहासिक पहलुओं पर बातचीत करेंगे।
यह चर्चा वंदे मातरम के 150 वर्षों की यात्रा, स्वतंत्रता संग्राम में इसकी भूमिका और आधुनिक भारत में इसकी प्रासंगिकता पर केंद्रित होगी।
नई दिल्ली/ संसद का शीतकालीन सत्र इस बार ऐतिहासिक होने जा रहा है, क्योंकि 8 दिसंबर को लोकसभा में वंदे मातरम पर 10 घंटे लंबी विशेष चर्चा होगी। यह चर्चा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि राष्ट्रगीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस व्यापक विमर्श की शुरुआत करेंगे, जिसके बाद विभिन्न दलों के सांसद सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और राजनीतिक पहलुओं पर अपने विचार रखेंगे।
सूत्रों के अनुसार, यह चर्चा भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में वंदे मातरम के योगदान, स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष में इसकी प्रेरणादायी भूमिका और आधुनिक भारत में इसकी प्रासंगिकता पर केंद्रित होगी। अधिकारियों का मानना है कि संसद के इतिहास में इतने लंबे समय तक किसी सांस्कृतिक प्रतीक पर चर्चा दुर्लभ है। इस विशेष सत्र से उम्मीद है कि यह राष्ट्रगीत की उत्पत्ति, लेखक बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के योगदान और आज के भारत में राष्ट्रीय अस्मिता को मजबूत करने में इसके महत्व पर एक मजबूत सहमति बनाएगा।
आम जनता में भी इस चर्चा को लेकर उत्साह देखा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह चर्चा भारत की सांस्कृतिक विरासत के प्रति सम्मान को पुनः स्थापित करेगी और आने वाली पीढ़ियों के लिए वंदे मातरम की ऐतिहासिक मूल्य को समझने का मार्ग प्रशस्त करेगी।