पीएम-डिवाइन से पूर्वोत्तर विकास को नई गति; विश्वस्तरीय पर्यटन सर्किट की घोषणा—सिंधिया

Thu 04-Dec-2025,01:30 PM IST +05:30

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पीएम-डिवाइन से पूर्वोत्तर विकास को नई गति; विश्वस्तरीय पर्यटन सर्किट की घोषणा—सिंधिया
  • मेघालय के सोहरा और त्रिपुरा के माताबारी सर्किट में विश्वस्तरीय पर्यटन सुविधाओं के विकास की घोषणा, क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की तैयारी।

  • पीएम-डिवाइन परियोजनाओं की साप्ताहिक समीक्षा, जमीनी निरीक्षण और तृतीय-पक्ष मूल्यांकन के माध्यम से पारदर्शी और समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है।

Delhi / New Delhi :

पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (एमडीओएनईआर) की परामर्शदात्री समिति की बैठक 3 दिसंबर 2025 को संसदीय सौध भवन में केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में केंद्रीय शिक्षा एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री श्री सुकांत मजूमदार समेत लोकसभा और राज्यसभा के समिति सदस्य शामिल हुए।

बैठक का मुख्य एजेंडा पूर्वोत्तर राज्यों में विकास, निवेश और प्रगति को लेकर निरंतर संवाद को मजबूत करना था। मंत्री ने समिति सदस्यों की सक्रिय भागीदारी और सुझावों को अमूल्य बताते हुए उनका स्वागत किया।

श्री सिंधिया ने पीएम-डिवाइन (पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री विकास पहल) को मंत्रालय की सबसे महत्वपूर्ण योजना बताया। यह योजना बजट 2022-23 में शुरू की गई थी, जिसका कुल परिव्यय वर्ष 2022-2026 की अवधि के लिए 6,600 करोड़ रुपये निर्धारित है। 31 अक्टूबर 2025 तक लगभग 5,700 करोड़ रुपये की 44 परियोजनाएँ मंज़ूर की जा चुकी हैं, जिनमें से तीन परियोजनाएँ पूरी हो चुकी हैं और 41 प्रगति पर हैं। इसके अतिरिक्त 111 करोड़ रुपये की परियोजनाएँ सैद्धांतिक रूप से स्वीकृत हैं और 625 करोड़ रुपये की और परियोजनाएँ पाइपलाइन में हैं।

समिति द्वारा पर्यटन क्षेत्र पर दिए सुझावों पर मंत्री ने बताया कि प्रत्येक पूर्वोत्तर राज्य में विश्वस्तरीय सुविधाओं वाले पर्यटन सर्किट विकसित किए जाएंगे। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर मेघालय के सोहरा सर्किट और त्रिपुरा के माताबारी सर्किट को चयनित किया गया है।

श्री सिंधिया ने जानकारी दी कि पीएम-डिवाइन परियोजनाओं की निगरानी सख्त, बहुस्तरीय और समयबद्ध प्रणाली से की जा रही है, जिसमें साप्ताहिक समीक्षा, समय-चिह्नित प्रगति ट्रैकिंग, जमीनी निरीक्षण और तृतीय-पक्ष मूल्यांकन शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र में तेज, पारदर्शी और परिणामोन्मुखी विकास के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें पीएम-डिवाइन सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन का प्रमुख उत्प्रेरक बनेगा।