दिल्ली में वायु गुणवत्ता बेहद खराब, AQI 342 तक पहुंचा; प्रदूषण बढ़ा
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दिल्ली में AQI 342 दर्ज, CPCB के 32 स्टेशनों पर वायु गुणवत्ता बेहद खराब पाई गई, हवा का स्थिर होना प्रदूषण बढ़ने का मुख्य कारण।
मंगलवार के मुकाबले हल्का सुधार, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बच्चों, बुजुर्गों और दमा रोगियों को बाहर कम निकलने की सलाह दी।
सरकार ने GRAP के तहत प्रदूषण नियंत्रण के कई कदम तेज किए, फिर भी अगले 48 घंटे में बड़े सुधार की संभावना कम।
नई दिल्ली/ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार सुबह वायु गुणवत्ता एक बार फिर ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 342 रहा। यह स्तर स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार ‘खतरनाक’ स्थिति के बेहद करीब है।
मंगलवार को ए क्यू आई 372 था, जबकि सोमवार को यह 304 के स्तर पर था। यानी पिछले 24 घंटों में थोड़ा सुधार दर्ज हुआ है, लेकिन हवा अभी भी बेहद खराब श्रेणी में ही बनी हुई है।
CPCB के ‘समीर’ ऐप के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के कुल 39 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 32 स्टेशनों पर AQI 300 से अधिक रिकॉर्ड किया गया है, जो प्रदूषण की भयावह स्थिति को दर्शाता है। कई क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' के करीब पहुँच रही है।
प्रदूषण बढ़ने की वजहें
प्रदूषण विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली–एनसीआर में हवा की गुणवत्ता बिगाड़ने में निम्न कारण प्रमुख हैं—
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हवा की धीमी गति और ठंड बढ़ने से हवा का स्थिर हो जाना
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वाहनों का धुआँ
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औद्योगिक उत्सर्जन
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निर्माण कार्यों से निकलने वाली धूल
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पड़ोसी राज्यों की कृषि गतिविधियों का प्रभाव
मौसम विभाग के अनुसार अगले 48 घंटों में हवा की गति में हल्की बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे वायु गुणवत्ता में कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन बड़े स्तर पर सुधार की संभावना कम है।
स्वास्थ्य पर असर
‘बेहद खराब’ श्रेणी का AQI दिल्लीवासियों के लिए स्वास्थ्य की गंभीर चेतावनी है।
यह स्तर-
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दमा, एलर्जी और सीओपीडी रोगियों के लिए खतरनाक
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बच्चों और बुजुर्गों पर गंभीर प्रभाव
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लंबे समय तक रहने पर फेफड़ों को नुकसान पहुँचा सकता है
डॉक्टरों ने सलाह दी है कि लोग सुबह-शाम खुले में व्यायाम न करें, N-95 मास्क पहनकर ही बाहर निकलें और घरों में एयर प्यूरिफायर का उपयोग करें।
सरकार क्या कर रही है?
प्रदूषण स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने-
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पानी का छिड़काव
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निर्माण कार्यों पर निगरानी
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प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कार्रवाई
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ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत प्रतिबंध
जैसे कदम तेज़ी से लागू किए हैं।
हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण का स्थायी समाधान लंबे समय की नीति और पड़ोसी राज्यों के सहयोग से ही संभव है।