उद्भव 2025: राष्ट्रीय ईएमआरएस सांस्कृतिक महोत्सव में जनजातीय छात्रों की प्रतिभा और विरासत का प्रदर्शन

Thu 04-Dec-2025,01:15 PM IST +05:30

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उद्भव 2025: राष्ट्रीय ईएमआरएस सांस्कृतिक महोत्सव में जनजातीय छात्रों की प्रतिभा और विरासत का प्रदर्शन
  • उद्भव 2025 में देशभर के 2,000 से अधिक ईएमआरएस छात्र कला, संस्कृति और साहित्य में अपनी प्रतिभा दिखाकर जनजातीय पहचान और आत्मविश्वास मजबूत कर रहे हैं।

  •  48 सांस्कृतिक और साहित्यिक प्रतियोगिताओं के माध्यम से विजेता छात्र पुणे में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय कला उत्सव में आगे प्रतिस्पर्धा करेंगे।

Andhra Pradesh / Tirupati :

आंध्र प्रदेश/ राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा समिति (नेस्ट्स) द्वारा आयोजित छठे राष्ट्रीय ईएमआरएस सांस्कृतिक एवं साहित्यिक उत्सव और कला उत्सव “उद्भव 2025” का भव्य शुभारंभ आंध्र प्रदेश आदिवासी कल्याण आवासीय शैक्षणिक संस्थान सोसाइटी (APTWREIS) की मेजबानी में हुआ। कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम और राज्य की जनजातीय कल्याण एवं महिला एवं बाल कल्याण मंत्री श्रीमती गुम्मिडी संध्या रानी द्वारा गुंटूर जिले के वड्डेश्वरम स्थित केएल विश्वविद्यालय परिसर में किया गया। मंच पर उपस्थित अतिथियों ने इसे जनजातीय युवाओं की प्रतिभा और सांस्कृतिक समृद्धि के राष्ट्रीय प्रदर्शन का अवसर बताया।

उद्भव 2025 का इस वर्ष का संस्करण जनजातीय युवाओं को सशक्त बनाने और भारत के विविध जनजातीय समुदायों की सांस्कृतिक जीवंतता को उजागर करने पर केंद्रित है। कार्यक्रम में देशभर के एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (EMRS) के 2,000 से अधिक छात्र एकत्र हुए हैं, जो संगीत, नृत्य, नाट्य, दृश्य कला और साहित्यिक अभिव्यक्तियों के माध्यम से अपनी विरासत और रचनात्मक क्षमता को प्रदर्शित कर रहे हैं। कुल 48 विशिष्ट प्रतियोगिताओं के माध्यम से प्रतिभागियों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा के लिए चयन का अवसर प्रदान किया जाएगा। विजेताओं को आगे महाराष्ट्र के पुणे में स्थित यशवंतराव चव्हाण विकास प्रशासन अकादमी (यशदा) में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय कला उत्सव में भाग लेने का अवसर मिलेगा।

प्रतिस्पर्धा से आगे बढ़कर, यह महोत्सव जनजातीय युवाओं के समग्र विकास को बढ़ावा देने के अपने लक्ष्य पर केंद्रित है। वर्षों से यह मंच सांस्कृतिक पहचान को सुदृढ़ करने, आत्मविश्वास बढ़ाने और छात्रों को अपनी क्षमताओं को मुख्यधारा के राष्ट्रीय मंच पर स्थापित करने में सहायक रहा है। इस आयोजन ने जनजातीय और मुख्यधारा समुदायों के बीच की दूरी को कम करने, अवसरों को समानतापूर्वक उपलब्ध कराने और राष्ट्र की सामूहिक सांस्कृतिक धारा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

इस वर्ष के आयोजन के साथ, नेस्ट्स ने जनजातीय शिक्षा और सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और प्रबल किया है। “उद्भव 2025” जनजातीय छात्रों के सामाजिक, रचनात्मक और शैक्षिक विकास को प्रोत्साहित करते हुए नए आयाम स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है।