आईएमएटी सफल परीक्षण से गगनयान मिशन को मजबूती, 2027 में पहला मानव अंतरिक्ष प्रक्षेपण लक्ष्य
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IMAT परीक्षण ने गगनयान मिशन की मानव-योग्यता प्रक्रिया को मजबूत किया, पैराशूट आधारित मंदन प्रणाली की कठोर स्थितियों में क्षमता की पुष्टि हुई।
इसरो द्वारा स्वतंत्र समीक्षा समितियां और राष्ट्रीय सलाहकार पैनल परीक्षण डेटा की निगरानी कर अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं।
2027 की पहली तिमाही तक पहला मानवयुक्त गगनयान प्रक्षेपण लक्ष्य, चालक दल प्रशिक्षण और ग्राउंड रिकवरी तैयारियों पर तेज़ी से कार्य जारी।
Delhi/ केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री तथा प्रधानमंत्री कार्यालय में अंतरिक्ष राज्य मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में बताया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा हाल ही में किए गए एकीकृत मुख्य पैराशूट एयरड्रॉप (IMAT) के सफल परीक्षण ने भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम ‘गगनयान’ की मिशन-तैयारी को और मज़बूती प्रदान की है। यह परीक्षण अंतरिक्ष यान चालक दल की पैराशूट-आधारित मंदन प्रणाली के योग्यता अभियान का अहम हिस्सा है, जो चालक दल की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने में निर्णायक भूमिका निभाएगा।
डॉ. सिंह के अनुसार नवीनतम IMAT परीक्षण में अत्यंत चरम अवतरण परिस्थितियों का अनुकरण किया गया, जिसमें दो मुख्य पैराशूटों के बीच समय अंतर जानबूझकर बढ़ाकर संचालित किया गया। इस प्रक्रिया ने असममित बलों की स्थिति में प्रणालियों की संरचनात्मक मजबूती और भार वहन क्षमता दोनों की सफल पुष्टि की। उन्होंने इसे मानव-योग्यता निर्धारण प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया, जो 2027 की पहली तिमाही तक पहले मानवयुक्त गगनयान मिशन के प्रक्षेपण के लक्ष्य को मजबूत आधार प्रदान करता है।
सदन में तृतीय-पक्ष सत्यापन और तकनीकी निगरानी पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर में मंत्री ने स्पष्ट किया कि इसरो नियमित रूप से परीक्षण परिणामों की कठोर और स्वतंत्र समीक्षा करता है। डिज़ाइन समीक्षा दल, स्वतंत्र मूल्यांकन समिति और मानव योग्यता निर्धारण एवं प्रमाणन के लिए राष्ट्रीय सलाहकार समिति जैसे प्रतिष्ठित विशेषज्ञ पैनल इन प्रक्रियाओं की गहन जांच करते हैं।
पारदर्शिता से जुड़े सवालों पर, डॉ. सिंह ने कहा कि इसरो प्रमुख परीक्षण परिणामों की जानकारी निरंतर साझा करता रहा है, और IMAT सहित आने वाली प्रगतियों को भी समय-समय पर सार्वजनिक करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि गगनयान मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है, जिसमें आपातकालीन परिदृश्यों के व्यापक अनुकरण, ऑफ-नॉमिनल लैंडिंग की उत्तरजीविता प्रक्रियाएं, आपातकालीन किट के संचालन और मनोवैज्ञानिक प्रशिक्षण शामिल है।
मंत्री ने अंत में कहा कि मानव मूल्यांकन प्रमाणन बोर्ड और राष्ट्रीय सलाहकार पैनल मिशन के जोखिम-नियंत्रण के लिए स्थापित वैश्विक मानकों की निगरानी सुनिश्चित कर रहे हैं, जिससे चालक दल की सुरक्षा, ग्राउंड-रिकवरी तत्परता और भारत के ऐतिहासिक मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन का सुरक्षित निष्पादन संभव हो सके।