इंडिगो संकट की मार: 1000 उड़ानें रद्द, यात्रियों की बेबसी पर सीईओ का भावुक बयान
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इंडिगो के ऑपरेशन संकट से 1000 फ्लाइट्स रद्द, यात्रियों की यात्रा योजनाएँ प्रभावित।.
सीईओ ने भरोसा दिलाया—सेवाएँ जल्द सामान्य करने की कोशिश जारी।
एयरपोर्ट्स पर भीड़, वैकल्पिक फ्लाइट्स की मांग में तेजी।
Delhi / यह स्थिति वाकई यात्रियों के लिए परेशान करने वाली है, और इंडिगो एयरलाइंस भी इस समय अपने सबसे बड़े ऑपरेशनल संकट से गुजर रही है। देश की सबसे बड़ी किफायती विमानन कंपनी इंडिगो बीते कुछ दिनों से नई फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों की वजह से भारी दिक्कतों में फंसी हुई है। कंपनी के अंदर पायलटों की शेड्यूलिंग और स्टाफ मैनेजमेंट पर इसका सीधा असर पड़ रहा है, जिसके कारण बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द करनी पड़ रही हैं।
5 दिसंबर का दिन इंडिगो के लिए अब तक का सबसे मुश्किल दिन साबित हुआ। कंपनी के सीईओ पीटर एल्बर्स ने सामने आकर यह स्वीकार किया कि हालात काफी गंभीर हो चुके हैं। अपने वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि 5 दिसंबर को कंपनी की उड़ानों पर सबसे बड़ा असर पड़ा है और सिर्फ एक ही दिन में 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं। यह इंडिगो की कुल दैनिक उड़ानों का लगभग आधा हिस्सा है, जिससे लाखों यात्रियों की यात्रा योजनाएं पूरी तरह बिगड़ गईं।
सीईओ ने साफ कहा कि जिन यात्रियों की उड़ानें कैंसिल हो चुकी हैं, उन्हें एयरपोर्ट न आने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे उन्हें और दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। कंपनी का पूरा सिस्टम फिलहाल रीबूट किया जा रहा है ताकि भविष्य में उड़ान संचालन को दोबारा सामान्य स्तर पर लाया जा सके। उन्होंने उम्मीद जताई कि 10 से 15 दिसंबर के बीच इंडिगो अपनी नियमित सेवाएं बहाल कर देगा, हालांकि यात्रियों को ताज़ा अपडेट्स लगातार चेक करते रहने की जरूरत है।
पीटर एल्बर्स ने यात्रियों से दिल से माफी भी मांगी। उन्होंने कहा कि वे समझते हैं कि इस अचानक हुए संकट ने लोगों को कितनी परेशानी दी है—कई लोगों की ट्रैवल प्लानिंग खराब हुई, बिजनेस यात्राएं रुकीं और परिवारों को भी भारी असुविधा हुई। उन्होंने यह भी कहा कि इंडिगो की पूरी टीम लगातार स्थिति को स्थिर करने में जुटी है और जल्द से जल्द समाधान खोजने की कोशिश कर रही है।
यह पूरा मामला सिर्फ कंपनी तक सीमित नहीं है, बल्कि भारत के एविएशन सेक्टर के लिए भी एक बड़ा सबक है। नए FDTL नियम सुरक्षा के लिहाज से पायलटों के लिए जरूरी हैं, लेकिन इनका पालन करने के लिए सही समय पर प्लानिंग, स्टाफिंग और मैनेजमेंट जरूरी था, जो कहीं न कहीं गड़बड़ा गया। इसके कारण यात्रियों को भारी कीमत चुकानी पड़ी।
कुल मिलाकर, यह संकट बताता है कि एयरलाइंस के ऑपरेशन्स कितने संवेदनशील होते हैं और छोटी-सी चूक से पूरे तंत्र पर कितना बड़ा असर पड़ सकता है। अब सभी की नज़रें इस बात पर हैं कि इंडिगो कितनी जल्दी अपनी सेवाएं सामान्य कर पाती है और यात्रियों को फिर से भरोसेमंद अनुभव दे पाती है।