Delhi / New Delhi : नई दिल्ली/ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के बाद नई दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस पहुंचे, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक हुई। दोनों नेताओं ने मुलाकात के बाद संयुक्त बयान जारी किया, जिसमें कई वैश्विक और द्विपक्षीय मुद्दों पर गहन चर्चा का उल्लेख किया गया।
बैठक के दौरान पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने पुतिन से स्पष्ट शब्दों में कहा कि “भारत न्यूट्रल नहीं है, बल्कि शांति के पक्ष में दृढ़ता से खड़ा है।” पीएम मोदी ने यह भी कहा कि दुनिया आज युद्ध नहीं, बल्कि “शांति के युग” की ओर अग्रसर होनी चाहिए और सभी देशों को संवाद तथा कूटनीति के रास्ते पर आगे बढ़ना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन की “दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता” की सराहना करते हुए कहा कि भारत-रूस संबंध दशकों से मजबूत रहे हैं और आज भी वैश्विक चुनौतियों के बीच स्थिरता का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने द्विपक्षीय सहयोग को ऊर्जा, रक्षा, व्यापार, तकनीक और वैश्विक सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में आगे बढ़ाने का विश्वास जताया।
वहीं पुतिन ने भी भारत की वैश्विक शांति के प्रति भूमिका की सराहना की और द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत बनाए रखने की प्रतिबद्धता दोहराई। विशेषज्ञों के अनुसार, इस बैठक ने रूस-भारत संबंधों को नई दिशा देने के साथ-साथ यूक्रेन युद्ध पर भारत की दृढ़ और संतुलित स्थिति को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दोहराया।
भारत-रूस की मित्रता ध्रुव तारे जैसी: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23वीं भारत-रूस शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का स्वागत करते हुए कहा कि भारत और रूस के रिश्ते समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि पुतिन की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब द्विपक्षीय संबंध नए ऐतिहासिक पड़ाव छू रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि ठीक 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन ने दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी की मजबूत नींव रखी थी।
पीएम मोदी ने भारत-रूस संबंधों को "ध्रुव तारे" की तरह स्थिर और दिशा दिखाने वाला बताया। उन्होंने कहा कि वैश्विक अस्थिरताओं के बावजूद दोनों देशों के बीच विश्वास, सहयोग और साझेदारी लगातार मजबूत होती जा रही है।
यूक्रेन संघर्ष पर बोले पीएम मोदी
भारत-रूस समिट के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पच्चीस साल पहले राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने विशेष रणनीतिक साझेदारी की मजबूत नींव रखी थी और अब दोनों देश 2030 तक आर्थिक सहयोग के नए कार्यक्रम पर आगे बढ़ रहे हैं। पीएम मोदी के अनुसार, भारत और रूस कनेक्टिविटी, व्यापार और ऊर्जा सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में साझेदारी को और गहरा करेंगे।
यूक्रेन संघर्ष पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत हमेशा शांति के पक्ष में रहा है और आगे भी वैश्विक शांति बहाल करने के लिए सक्रिय योगदान देता रहेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान समय युद्ध का नहीं, बल्कि संवाद और कूटनीति का है, और भारत हर संभव मंच पर शांति प्रक्रिया का समर्थन करता रहेगा।
रोजगार के नए अवसर बनेंगे: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और रूस मिलकर ध्रुवीय जल में भारतीय नाविकों की ट्रेनिंग बढ़ाएंगे, जिससे आर्कटिक सहयोग को नई मजबूती मिलेगी और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। उन्होंने बताया कि जहाज निर्माण में दोनों देशों का बढ़ता सहयोग मेक इन इंडिया को सशक्त करेगा और इससे नौकरियों, कौशल विकास और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बड़ा लाभ मिलेगा।
मोदी बोले-पुतिन की यात्रा बेहद खास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब भारत-रूस संबंध कई ऐतिहासिक माइलस्टोन से गुजर रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि पुतिन के कार्यकाल के दौरान ही वर्ष 2000 में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत हुई थी, जिसने आज संबंधों को नई मजबूती दी है।
आर्थिक सहयोग पर सहमति: पुतिन
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि भारत-रूस के बीच आर्थिक सहयोग को मजबूत करने पर सहमति बनी है, जिससे व्यापारिक बाधाएँ कम होंगी। उन्होंने बताया कि RT के लॉन्च से भारतीय नागरिकों को रूस की बेहतर जानकारी मिलेगी। पुतिन ने यह भी कहा कि रूस गैस और ऊर्जा के मामले में भारत का विश्वसनीय सप्लायर है और बिना रुकावट इस सहयोग को जारी रखने के लिए तैयार है। यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद पुतिन का यह पहला भारत दौरा है। शुक्रवार सुबह वे राष्ट्रपति भवन में गार्ड ऑफ ऑनर के साथ स्वागत के बाद राजघाट पहुँचे और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वे पीएम मोदी के साथ हैदराबाद हाउस में वार्षिक द्विपक्षीय वार्ता के लिए शामिल हुए।
पुतिन बोले-भारत को हथियार सपोर्ट जारी रहेगा
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूस पिछले पाँच दशकों से भारतीय सेना को हथियार और आधुनिक तकनीक उपलब्ध कराता आ रहा है, चाहे एयर डिफेंस हो, एविएशन हो या नेवी। उन्होंने बताया कि ताज़ा वार्ताओं के नतीजों से रूस पूरी तरह संतुष्ट है और यह दौरा रणनीतिक साझेदारी को और मज़बूत करेगा।
भारत-रूस व्यापार 12% बढ़ा
पुतिन ने बताया कि पिछले वर्ष दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 12% बढ़कर लगभग 64 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया, जो एक नया रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि दोनों देश आने वाले समय में इस व्यापार को 100 बिलियन डॉलर तक ले जाने के लिए तैयार हैं।
रूस से भारत का अधिकांश आयात (लगभग 85%) तेल और कोयले से जुड़ा है। भारत रूस को मुख्य रूप से दवाइयाँ, फाइन केमिकल्स, कपड़े, चाय, कॉफी और चावल आदि निर्यात करता है।
कुडनकुलम परमाणु परियोजना पर प्रगति
पुतिन ने कहा कि रूस भारत में एशिया के सबसे बड़े न्यूक्लियर प्रोजेक्ट-तमिलनाडु के कुडनकुलम न्यूक्लियर पावर प्लांट—का निर्माण कर रहा है। यहाँ कुल 6 रिएक्टर बन रहे हैं, जिनमें से 3 पहले ही भारत के ग्रिड से जुड़ चुके हैं। शेष 3 रिएक्टर विभिन्न निर्माण चरणों में हैं। पूरा प्रोजेक्ट तैयार होने पर 6000 मेगावॉट बिजली उत्पादन होगा, जिससे दक्षिण भारत में बिजली आपूर्ति और क्लीन एनर्जी क्षमता में बड़ा इज़ाफ़ा होगा।
पुतिन बोले-भारत-रूस की दोस्ती सिर्फ नाम नहीं, भरोसे पर टिकी है
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन शांति पहल में भारत की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि भारत-रूस संबंध सिर्फ औपचारिक नहीं, बल्कि गहरे विश्वास पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की दोस्ती पुराने समय से मजबूत नींव पर खड़ी है और यह संबंध सिर्फ शब्दों में नहीं, बल्कि वास्तविक भरोसे और सहयोग में दिखाई देते हैं।
मोदी को धन्यवाद-यूक्रेन शांति प्रयासों का ज़िक्र
पुतिन ने PM मोदी द्वारा भारत आने का निमंत्रण देने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि रूस अमेरिका सहित कुछ साझेदार देशों के साथ मिलकर यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर विचार कर रहा है। पुतिन ने कहा कि इस दिशा में भारत के प्रयास और सहयोग बेहद महत्वपूर्ण हैं, और रूस इस योगदान के लिए भारत का आभारी है।