बिहार विधानसभा शीतकालीन सत्र स्थगित: नोकझोंक, बजट चर्चा और महिलाओं पर सरकार की योजनाओं पर बहस
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Bihar-Assembly-Winter-Session-2025
शीतकालीन सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित.
बिहार विनियोग विधेयक 2025 सदन में पेश.
महिलाओं और जीविका दीदियों के सशक्तिकरण पर जोर.
Patna / पांच दिवसीय बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। अंतिम दिन सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हल्की नोकझोंक देखने को मिली, जिसके बाद 18वीं बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का समापन घोषित किया गया। विधानसभा अध्यक्ष प्रेम कुमार ने सदस्यों को नए वर्ष 2026 की अग्रिम शुभकामनाएं दीं और उम्मीद जताई कि नया साल बिहार की प्रगति, जनकल्याण और सकारात्मक राजनीतिक संवाद को नई दिशा देगा। अगले सत्र में नए एजेंडा, विधेयक और बजट से जुड़े महत्वपूर्ण मसलों पर चर्चा होने की संभावना है।
विधायिका में मुख्य गतिविधियाँ
सत्र के दौरान बिहार विनियोग (संख्या-4) विधेयक 2025 सदन में पेश किया गया। विधानसभा की कार्यवाही की शुरुआत में जल संसाधन विभाग के मंत्री विजय चौधरी ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बांधों की सुरक्षा स्थिति पर वार्षिक प्रतिवेदन सदन में रखा। इसके अलावा, द्वितीय अनुपूरक बजट पर ग्रामीण विकास विभाग के कार्यों और योजनाओं पर चर्चा हुई।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार से संबंधित मुद्दे पर विधान सभा में माले विधायक संदीप सौरव ने आपत्ति जताई। इस दौरान चर्चा के बीच सत्ता और विपक्ष के बीच बहस देखने को मिली, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने शांति बनाए रखते हुए सभी गतिविधियों का संचालन किया।
महिला सशक्तिकरण और जीविका दीदी योजना
अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि सरकार बिहार की महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि 40 हजार से अधिक जीविका दीदियों को सिलाई का प्रशिक्षण दिया जा रहा है और तालाबों की देखभाल जैसी जिम्मेदारियां उन्हें सौंपी गई हैं। वर्तमान में बिहार में 31 लाख 71 हजार जीविका दीदियाँ आर्थिक रूप से सशक्त हो चुकी हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री ने वादे के अनुसार एक करोड़ 56 लाख दीदियों के खातों में 10 हजार रुपये दिए हैं। विपक्ष की आलोचना पर उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार की प्राथमिकता महिलाओं के विकास और रोजगार को बढ़ावा देना है।
वित्तीय उपलब्धियाँ और बजट समीक्षा
वरिष्ठ मंत्री बिजेंद्र यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ज्ञान, विज्ञान और ईमान ने बिहार का बजट 3 लाख करोड़ से अधिक बढ़ाया है। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान सरकार में अब चारा घोटाला और बालू घोटाला नहीं होते और वित्तीय प्रबंधन में ईमानदारी बनी हुई है। उन्होंने पिछली सरकारों की तुलना करते हुए कहा कि पहले केवल राजनीतिक विवाद और भ्रष्टाचार के मुद्दे रहते थे, जबकि वर्तमान सरकार जनता और विकास पर केंद्रित है।
सत्र के दौरान सत्ता और विपक्ष के बीच हल्की बहस और नोकझोंक रही, लेकिन इसके बावजूद कार्यवाही सुचारू रूप से संपन्न हुई। शीतकालीन सत्र ने बजट, महिलाओं के सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास और जल संसाधन सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया। अध्यक्ष प्रेम कुमार ने सभी सदस्यों को नए वर्ष की शुभकामनाएं दीं और आशा व्यक्त की कि 2026 में बिहार की प्रगति, सकारात्मक राजनीतिक संवाद और जनकल्याण की दिशा और मजबूत होगी।
इस प्रकार, पांच दिवसीय सत्र ने न केवल वित्तीय और नीति संबंधी मुद्दों पर चर्चा की, बल्कि राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास पर भी प्रकाश डाला।