काशी तमिल संगमम् में यूपी पुलिस और परिवारों ने तमिल सीखकर उत्तर-दक्षिण सांस्कृतिक सेतु को मजबूत किया
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यूपी पुलिस और स्थानीय परिवारों द्वारा तमिल भाषा सीखने की पहल ने काशी तमिल संगमम् को सांस्कृतिक एकता के व्यवहारिक उदाहरण के रूप में स्थापित किया।
तमिलभाषी श्रद्धालुओं की सहायता के लिए अधिकारियों को अभिवादन, मार्गदर्शन और संवाद जैसे उपयोगी वाक्यों का विशेष प्रशिक्षण दिया गया।
Kashi/ काशी तमिल संगमम् 4.0 इस वर्ष नई ऊंचाइयों के साथ सांस्कृतिक एकता का संदेश दे रहा है। इसका मुख्य विषय “तमिल सीखें-तमिल करकलाम” उत्तर और दक्षिण भारत के बीच भाषाई और मानवीय संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक सार्थक कदम है। इस पहल के अंतर्गत वाराणसी में एक अनोखा और प्रेरणादायक दृश्य देखने को मिला, जहां उत्तर प्रदेश पुलिस के जवान और नमो घाट पर निवास करने वाले परिवार उत्साह के साथ तमिल भाषा सीखते हुए नजर आए।
तमिलभाषी श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए यूपी पुलिस के अधिकारियों और जवानों को संवाद पर केंद्रित विशेष प्रशिक्षण दिया गया। इसमें अभिवादन, पूछताछ, सहायता, यात्रा मार्गदर्शन जैसे रोज़मर्रा के तमिल वाक्य शामिल रहे, ताकि संपर्क और सहायता अधिक सहज बन सके। इसी कड़ी में स्थानीय परिवारों, विशेष रूप से बच्चों ने तमिल में गिनती सहित शुरुआती शब्द सीखते ही उत्साह से दोहराना शुरू किया “ओरु, रंडु, मून्नु…”जिससे सीखने का माहौल जीवंत व आनंदपूर्ण हो उठा।
यह पूरा प्रशिक्षण IIT मद्रास के डॉ. शिवा द्वारा 'विद्या शक्ति' के तहत संचालित किया गया, जिसमें भाषा को सरल, संवादात्मक और व्यवहारिक रूप से सिखाने पर विशेष ध्यान दिया गया। पुलिसकर्मियों और नागरिकों का उत्साह इस बात का प्रमाण है कि काशी तमिल संगमम् केवल एक सांस्कृतिक उत्सव नहीं, बल्कि दो प्राचीन सभ्यताओं को जोड़ने वाला जीवंत सेतु है जो दिलों को करीब ला रहा है और सांस्कृतिक एकता की नई मिसाल स्थापित कर रहा है।