परीक्षा पे चर्चा 2026: प्रधानमंत्री मोदी का 9वां संस्करण फिर शुरू, MCQ चयन और वैश्विक भागीदारी के साथ

Sat 06-Dec-2025,01:32 PM IST +05:30

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परीक्षा पे चर्चा 2026: प्रधानमंत्री मोदी का 9वां संस्करण फिर शुरू, MCQ चयन और वैश्विक भागीदारी के साथ
  • परीक्षा पे चर्चा 9वां संस्करण जनवरी 2026 में आयोजित होगा, जहां छात्र, शिक्षक और अभिभावक परीक्षा तनाव और सकारात्मक दृष्टिकोण पर पीएम मोदी से संवाद करेंगे।

  • पीपीसी ने 2025 में रिकॉर्ड 3.56 करोड़ पंजीकरण और 245 देशों की भागीदारी के साथ गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित कर इसे वैश्विक छात्र आंदोलन बना दिया।

Delhi / New Delhi :

Delhi/ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का प्रेरक संवाद कार्यक्रम “परीक्षा पे चर्चा (पीपीसी)” अपने 9वें संस्करण के साथ जनवरी 2026 में एक बार फिर छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से जुड़ने के लिए तैयार है। यह वैश्विक स्तर पर आयोजित होने वाला अनोखा मंच छात्रों को परीक्षा के तनाव से मुक्त होकर आत्मविश्वास के साथ जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता है, तथा परीक्षाओं को उत्सव की तरह मनाने का संदेश देता है।

इस संस्करण के लिए प्रतिभागियों का चयन माइ गव पोर्टल पर आयोजित ऑनलाइन एमसीक्यू-आधारित प्रतियोगिता के माध्यम से किया जा रहा है, जो 1 दिसंबर 2025 से 11 जनवरी 2026 तक सक्रिय रहेगी। कक्षा 6 से 12 के छात्र, शिक्षक और अभिभावक इसमें भाग ले सकते हैं। प्रतियोगिता पूरी करने वाले सभी प्रतिभागियों को माइ गव की ओर से भागीदारी प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।

परीक्षा पे चर्चा के आठवें संस्करण को 10 फरवरी 2025 को सुंदर नर्सरी, नई दिल्ली में अभिनव प्रारूप में आयोजित किया गया था, जिसमें विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 36 छात्रों ने भाग लिया था। सात प्रेरणादायी एपिसोड के माध्यम से खेल, मानसिक स्वास्थ्य, अनुशासन, पोषण, प्रौद्योगिकी, वित्त और सकारात्मकता जैसे विषयों पर प्रसिद्ध हस्तियों के विचार साझा किए गए।

पीपीसी की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है और 2025 में इस आयोजन ने 245 से अधिक देशों के छात्रों, 153 देशों के शिक्षकों तथा 149 देशों के अभिभावकों की ऐतिहासिक भागीदारी के साथ गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। 2018 में 22,000 प्रतिभागियों से शुरू हुई यह यात्रा 2025 में 3.56 करोड़ पंजीकरणों और लगभग 5 करोड़ की कुल भागीदारी तक पहुंचकर परीक्षा पे चर्चा को एक राष्ट्रीय जन आंदोलन में परिवर्तित कर चुकी है।