क्या आप भी नौकरी करते हैं, आपके लिए: भारत के नए श्रम संहिता 2025 – वेतन, सुरक्षा और कर्मचारी अधिकार
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सभी कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन लागू.
सामाजिक सुरक्षा में गिग और अनौपचारिक श्रमिकों को शामिल.
महिला कर्मचारियों के लिए सुरक्षित रात्री पारी और लचीले कार्य समय.
Delhi / भारत ने स्वतंत्रता के बाद अपने इतिहास में सबसे बड़े श्रम सुधारों में से एक की शुरुआत की है। 21 नवंबर 2025 को भारत सरकार ने चार श्रम संहिताओं (Labour Codes) को लागू कर दिया, जिनके तहत 29 पुरानी और जटिल श्रम कानूनों को एकीकृत करके एक आधुनिक और सरल नियामक ढांचा तैयार किया गया। ये नए श्रम संहिताएँ भारत के श्रम वातावरण में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं, जिसमें कर्मचारियों की सुरक्षा बढ़ाना, सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना, नौकरियों का आधिकारिककरण करना और व्यवसायों के लिए अनुपालन को आसान बनाना शामिल है।
नए फ्रेमवर्क के माध्यम से डिजिटलीकरण और टेक्नोलॉजी-फ्रेंडली प्रक्रियाओं का उपयोग करके पुराने, जटिल और असंगत नियमों को सरल बनाया गया है। इसके साथ ही यह भारत को वैश्विक मानकों के अनुरूप लाता है और एक प्रतिस्पर्धी, पारदर्शी और समावेशी अर्थव्यवस्था की दिशा में कदम बढ़ाता है।
चार नई श्रम संहिताओं में मुख्य रूप से शामिल हैं: वेतन संहिता, 2019; सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020; औद्योगिक संबंध संहिता, 2020; और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य परिस्थितियाँ संहिता, 2020।
मुख्य बदलाव
समान न्यूनतम वेतन: अब सभी श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन लागू होगा, चाहे वे संगठित क्षेत्र के हों या असंगठित। केंद्रीय सरकार एक राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन तय करेगी और राज्य इससे कम वेतन नहीं निर्धारित कर सकते। “वेतन” की एक统一 परिभाषा विवादों को कम करेगी।
सामाजिक सुरक्षा का विस्तार: पहली बार गिग वर्कर्स, प्लेटफॉर्म वर्कर्स और असंगठित श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में शामिल किया गया है। इसके लिए एक नया राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा बोर्ड बनाया गया है। ईएसआईसी और ईपीएफओ के लाभ अधिक श्रमिकों तक पहुंचेंगे।
अनिवार्य नियुक्ति पत्र: सभी कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र देना अब अनिवार्य है, जिसमें वेतन, कार्य समय, अवकाश नीति और रोजगार की शर्तें स्पष्ट हों।
लैंगिक समानता और लचीले कार्य समय: महिलाओं को रात की शिफ्ट में काम करने की अनुमति दी गई है, बशर्ते उनकी लिखित सहमति और सुरक्षा उपाय हों। सभी क्षेत्रों में लचीले कार्य समय और ओवरटाइम नीतियाँ समान होंगी। भर्ती, वेतन और कार्य परिस्थितियों में किसी भी प्रकार का भेदभाव रोकने के प्रावधान शामिल किए गए हैं।
छंटनी, रिट्रेंचमेंट और बंद होने की प्रक्रिया में लचीलापन: अब केवल 300+ कर्मचारियों वाले व्यवसायों को ही पूर्व अनुमति की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, रिट्रेंच किए गए कर्मचारियों के लिए नया रेस्किलिंग फंड भी बनाया गया है।
गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर सुरक्षा: गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिक अब सामाजिक सुरक्षा लाभों के पात्र होंगे। प्लेटफॉर्म कंपनियां सामाजिक सुरक्षा फंड में योगदान दे सकती हैं और अंतरराज्यीय लाभों का पोर्टेबिलिटी सुनिश्चित की गई है।
सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण: निर्धारित संख्या से अधिक कर्मचारियों वाले व्यवसायों को सुरक्षा समितियाँ बनाना अनिवार्य होगा। कर्मचारियों को वार्षिक स्वास्थ्य जांच मुफ्त प्रदान की जाएगी। यात्रा से संबंधित दुर्घटनाओं के लिए मुआवजा मिलेगा।
डिजिटल अनुपालन और सरलता: अब एक ही पंजीकरण, एक ही लाइसेंस और एक ही रिटर्न से कई नियमों का अनुपालन संभव है। ऑनलाइन अपील, डिजिटल निरीक्षण और जोखिम-आधारित स्वचालित जांच की सुविधा होगी।
21 नवंबर 2025 भारत के श्रम कानूनों के लिए मील का पत्थर है। सोशल मीडिया पर कई मिथक और गलतफहमियाँ फैल रही हैं, इसलिए व्यवसायों को केवल विश्वसनीय स्रोतों और विशेषज्ञ सलाह पर भरोसा करना चाहिए। राज्य-विशेष नियमों के लागू होने के बाद ही ये संहिताएँ पूरी तरह से प्रभावी होंगी। जागरूकता और समझदारी आज की आवश्यकता है।
Prompt Personnel, जो पिछले 28 वर्षों से भारत में श्रम कानून अनुपालन के प्रमुख विशेषज्ञ हैं, सभी आधिकारिक अधिसूचनाओं को ट्रैक करते रहेंगे और श्रम संहिताओं से संबंधित सटीक और स्पष्ट जानकारी उपलब्ध कराते रहेंगे।