सर्दियों में बुजुर्गों की देखभाल जरूरी, वरना बढ़ सकता है गंभीर खतरा
ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |
सर्दियों में बुजुर्गों में हार्ट अटैक, स्ट्रोक और सांस की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए विशेष सावधानी जरूरी है।
ठंड में सही कपड़े, नियमित दवा और संतुलित आहार बुजुर्गों की सेहत को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।
बुजुर्गों की मानसिक और शारीरिक देखभाल में लापरवाही गंभीर और जानलेवा साबित हो सकती है।
जबलपुर/ सर्दियों का मौसम जहां युवाओं के लिए आनंद और सुकून लेकर आता है, वहीं बुजुर्गों के लिए यह कई स्वास्थ्य जोखिम भी पैदा करता है। ठंड बढ़ते ही हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, सांस की समस्या, जोड़ों का दर्द और संक्रमण जैसी बीमारियों का खतरा बुजुर्गों में कई गुना बढ़ जाता है। डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दियों में थोड़ी सी लापरवाही भी बुजुर्गों के लिए गंभीर और जानलेवा साबित हो सकती है।
ठंड के मौसम में शरीर का तापमान नियंत्रित रखना बुजुर्गों के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है। उम्र बढ़ने के साथ शरीर की थर्मल रेगुलेशन क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ता है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि बुजुर्गों को हमेशा गर्म कपड़े पहनाए जाएं, खासकर सिर, कान, हाथ और पैरों को अच्छी तरह ढककर रखा जाए।
सर्दियों में दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। ठंड के कारण ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और हार्ट अटैक या स्ट्रोक का जोखिम रहता है। ऐसे में बुजुर्गों के ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल की नियमित जांच बेहद जरूरी है। दवाइयों में लापरवाही जानलेवा हो सकती है।
इम्युनिटी कमजोर होने के कारण बुजुर्ग सर्दी, खांसी, फ्लू और निमोनिया जैसी बीमारियों की चपेट में जल्दी आ जाते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बुजुर्गों को समय पर फ्लू वैक्सीन और जरूरी टीके लगवाने चाहिए। साथ ही भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए।
खानपान भी बुजुर्गों की सर्दियों की देखभाल का अहम हिस्सा है। हल्का, गर्म और पौष्टिक भोजन जैसे सूप, दलिया, सब्जियां और मौसमी फल उनकी सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। पर्याप्त पानी पीना भी जरूरी है, क्योंकि ठंड में प्यास कम लगती है और डिहाइड्रेशन का खतरा रहता है।
इसके अलावा, बुजुर्गों की मानसिक सेहत का भी ध्यान रखना बेहद जरूरी है। ठंड में अकेलापन, अवसाद और उदासी बढ़ सकती है। परिवार के साथ बातचीत, हल्की सैर और धूप में बैठना उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाए रखता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का साफ कहना है कि सर्दियों में बुजुर्गों की सही देखभाल न की जाए, तो छोटी समस्या भी बड़ी अनहोनी में बदल सकती है। इसलिए परिवार की जिम्मेदारी है कि वे बुजुर्गों को सुरक्षित, गर्म और खुश रखें।