देशभर में आकाशवाणी के 591 प्रसारण केंद्र, सार्वजनिक रेडियो की पहुंच मजबूत
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देश में आकाशवाणी के 591 प्रसारण केंद्र सक्रिय हैं, जिनसे सार्वजनिक रेडियो की पहुंच, गुणवत्ता और जनसंपर्क क्षमता मजबूत हुई है।
230 केंद्रों पर स्टूडियो सुविधा, जबकि 361 रिले स्टेशन अन्य आकाशवाणी कार्यक्रमों का पुनः प्रसारण करते हैं। रिले केंद्रों से संसाधनों का बेहतर उपयोग, लागत प्रभावशीलता और कार्यक्रमों की गुणवत्ता सुनिश्चित हो रही है।
नागपुर/ देश में सार्वजनिक रेडियो प्रसारण की पहुंच को सशक्त बनाने की दिशा में आकाशवाणी (ऑल इंडिया रेडियो) लगातार अपनी उपस्थिति मजबूत कर रही है। वर्तमान में देशभर में आकाशवाणी के 591 प्रसारण केंद्र कार्यरत हैं, जो राष्ट्रव्यापी स्तर पर सूचना, शिक्षा और मनोरंजन का माध्यम बनकर जनसंपर्क को सुदृढ़ कर रहे हैं।
इन 591 प्रसारण केंद्रों में से 230 केंद्रों पर कार्यक्रमों के निर्माण और प्रसारण के लिए स्टूडियो की सुविधा उपलब्ध है। इन केंद्रों के माध्यम से स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय महत्व के कार्यक्रमों का निर्माण किया जाता है, जिससे विविध भाषाओं और संस्कृतियों को मंच मिलता है। वहीं, शेष 361 केंद्र रिले स्टेशन के रूप में कार्य कर रहे हैं, जो अन्य आकाशवाणी केंद्रों द्वारा निर्मित कार्यक्रमों का पुनः प्रसारण करते हैं। इससे प्रसारण की भौगोलिक पहुंच का विस्तार होता है और दूर-दराज़ के क्षेत्रों तक रेडियो सेवाएं सुनिश्चित होती हैं।
प्रसारण भारती के अनुसार, रिले केंद्रों की व्यवस्था से तकनीकी संसाधनों और मानव शक्ति का सर्वोत्तम उपयोग संभव हो पाया है। इससे न केवल लागत प्रभावशीलता बनी रहती है, बल्कि कार्यक्रमों की गुणवत्ता और निरंतरता भी सुनिश्चित होती है। इन सभी प्रसारण केंद्रों का राज्यवार विवरण प्रसार भारती की आधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है।
राजस्थान के भीलवाड़ा में स्थापित 100 वॉट का एफएम रिले केंद्र, जो 28 अप्रैल 2023 को प्रारंभ किया गया था, विविध भारती सेवा का प्रसारण करता है। यह केंद्र स्थानीय श्रोताओं तक लोकप्रिय कार्यक्रमों, संगीत और सूचनात्मक सामग्री को पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहा है। वहीं, आकाशवाणी उदयपुर में कार्यक्रम निर्माण और प्रसारण के लिए पूर्ण स्टूडियो सुविधा उपलब्ध है, जहां से विविध भारती एफएम सेवा के तहत स्थानीय चैनल पर कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं।
आकाशवाणी भीलवाड़ा सहित देशभर में स्थापित प्रसार भारती के रिले स्टेशन सार्वजनिक प्रसारण तंत्र की रीढ़ माने जाते हैं। इनका उद्देश्य विभिन्न आकाशवाणी केंद्रों द्वारा तैयार सामग्री को व्यापक श्रोताओं तक पहुंचाना है। इस व्यवस्था से सार्वजनिक रेडियो की जनसंपर्क क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और सूचना के लोकतंत्रीकरण को बल मिला है।
कुल मिलाकर, आकाशवाणी का यह विस्तृत नेटवर्क न केवल सूचना और मनोरंजन का माध्यम है, बल्कि सामाजिक जागरूकता, सांस्कृतिक संरक्षण और राष्ट्रीय एकता को सशक्त करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।