असम सहकारिता मेला 2025 का शुभारंभ, सांस्कृतिक विरासत से सहकारिता को बल

Sun 14-Dec-2025,01:53 AM IST +05:30

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असम सहकारिता मेला 2025 का शुभारंभ, सांस्कृतिक विरासत से सहकारिता को बल
  • असम में आयोजित चौथा सहकारिता मेला 2025 राज्य में सहकारिता आंदोलन की शक्ति, विविधता और जमीनी स्तर पर हो रहे नवाचारों को उजागर करता है।

  • केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने महापुरुष शंकरदेव और माधवदेव की शिक्षाओं को सहकारिता पुनर्जागरण की वैचारिक आधारशिला बताया।

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    PACS के कंप्यूटरीकरण और नई सहकारिता नीति से असम में युवाओं, महिलाओं और किसानों को व्यापक आर्थिक अवसर मिल रहे हैं।

Assam / Guwahati :

गुवाहाटी/ असम में सहकारिता आंदोलन को नई दिशा और ऊर्जा देने के उद्देश्य से चौथे सहकारिता मेला 2025 का भव्य उद्घाटन आज गुवाहाटी के चांदमारी स्थित एईआई ग्राउंड में किया गया। यह तीन दिवसीय मेला 13 से 15 दिसंबर 2025 तक आयोजित किया जा रहा है। आयोजन असम सरकार के सहकारिता विभाग द्वारा भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय के मार्गदर्शन में किया गया है।

मेले का औपचारिक उद्घाटन केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर ने असम सरकार के सहकारिता मंत्री श्री जोगेन मोहन की गरिमामयी उपस्थिति में किया। उद्घाटन समारोह में बड़ी संख्या में सहकारी संस्थाओं, स्वयं सहायता समूहों, महिला उद्यमियों और युवाओं की भागीदारी देखने को मिली।

सांस्कृतिक विरासत और सहकारिता का गहरा संबंध

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए श्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि असम का सहकारिता आंदोलन राज्य की गहरी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत से जुड़ा हुआ है। उन्होंने महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव और महापुरुष माधवदेव को नमन करते हुए कहा कि उनकी शिक्षाएं-एकता, समानता और समाज सेवा-आज भी सहकारिता की मूल भावना को दिशा देती हैं।

उन्होंने कहा कि “सहकार से समृद्धि” का राष्ट्रीय संकल्प, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में, अब जमीन पर स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है। वर्ष 2021 में सहकारिता मंत्रालय की स्थापना को उन्होंने एक ऐतिहासिक कदम बताया, जिसने भारत को 2047 तक विश्वस्तरीय सहकारिता प्रणाली की ओर अग्रसर किया है।

असम में सहकारिता क्षेत्र में तेज़ प्रगति

केंद्रीय मंत्री ने असम में सहकारिता क्षेत्र में हो रहे सुधारों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा और सहकारिता मंत्री श्री जोगेन मोहन के प्रयासों को इसका श्रेय दिया। उन्होंने बताया कि असम ने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) के 100 प्रतिशत कंप्यूटरीकरण की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है।

अब तक 800 से अधिक पैक्स ने नए मॉडल उपविधियों को अपनाया है, जिससे युवाओं और महिलाओं को उद्यमिता के अवसर मिले हैं और 32 लाख से अधिक सदस्य वित्तीय समावेशन से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि असम राष्ट्रीय सहकारिता नीति 2025 के लक्ष्य हर गांव में एक सहकारी संस्था की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

जमीनी स्तर पर सशक्तिकरण का मंच

असम के सहकारिता मंत्री श्री जोगेन मोहन ने अपने संबोधन में इस मेले को जमीनी स्तर पर सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि प्रतिभागी सहकारी संस्थाएं स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर अपशिष्ट को उपयोगी उत्पादों में बदल रही हैं, जो आत्मनिर्भर भारत की सोच को मजबूत करता है।

इस मेले में 160 सहकारी संस्थाएं भाग ले रही हैं, जो हथकरघा, मत्स्य पालन, डेयरी, कृषि, महिला स्वयं सहायता समूह और युवा-नेतृत्व वाले उद्यमों का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। आगामी दिनों में प्रदर्शनियों, संवाद सत्रों और ज्ञान-साझा कार्यक्रमों के माध्यम से सहकारिता आधारित विकास को और गति देने का प्रयास किया जाएगा।