पुणे के कैंप इलाके में रहने वाले कामकाजी पेशेवर कनिष्क अग्रवाल ने नवंबर में जनवरी के मध्य में बेंगलुरु जाने के लिए इंडिगो की टिकट बुक की थी। उन्हें चिंता है कि एयरलाइन या एयरपोर्ट की ओर से उड़ान रद्द होने की जानकारी आखिरी समय पर ही मिलती है। उनका कहना है कि पुणे एयरपोर्ट सोशल मीडिया पर एक दिन पहले ही रद्द फ्लाइट्स की जानकारी देता है, जबकि असली स्टेटस पीएनआर डालकर सिर्फ चार दिन पहले ही पता चलता है। ऐसे में पहले से योजना बनाना मुश्किल हो जाता है।
ऐसी ही परेशानी बनर इलाके में रहने वाले आईटी प्रोफेशनल सूर्य प्रधान की भी है, जिनकी दिल्ली की फ्लाइट 20 दिसंबर को है। उन्होंने बताया कि एयरलाइन के कस्टमर केयर पर फोन करने पर करीब एक घंटे तक होल्ड पर रहना पड़ता है और फिर भी कॉल कनेक्ट होने की कोई गारंटी नहीं रहती। सोशल मीडिया पर भी एयरलाइन की प्रतिक्रिया बेहद सीमित है।
ट्रैवल एजेंसी ‘गो हॉलीडेज’ के मालिक मकरंद आंगल के मुताबिक हालात अब भी खराब हैं। उनके पास लगातार ऐसे ग्राहक फोन कर रहे हैं जिनकी आगे की यात्रा योजनाएं अधर में लटकी हैं। उनका कहना है कि न तो एयरलाइन और न ही कोई अन्य जिम्मेदार एजेंसी साफ जानकारी दे रही है।
नागपुर जाने वाले उदित जाधव की फ्लाइट 18 दिसंबर को है। उन्होंने बताया कि इंडिगो के चैटबॉट पर पीएनआर डालने पर फ्लाइट दिख तो रही है, लेकिन पिछले कुछ दिनों में वही फ्लाइट कई बार रद्द हो चुकी है। इससे उनकी चिंता और बढ़ गई है। उनका सवाल है कि अगर आखिरी समय पर फ्लाइट रद्द होती है और वह टिकट कैंसिल करते हैं, तो क्या उन्हें पूरा रिफंड मिलेगा?
कुछ यात्रियों का यह भी कहना है कि इंडिगो को फ्लाइट रद्द होने की जानकारी पहले से सार्वजनिक करनी चाहिए। बताया जा रहा है कि एयरलाइन ने डीजीसीए को 10 प्रतिशत फ्लाइट कट के साथ संशोधित शेड्यूल सौंपा है, लेकिन यह यात्रियों या एयरपोर्ट्स के साथ साझा नहीं किया गया है।
इंडिगो के एक सूत्र ने बताया कि एयरलाइन नई बुकिंग रोकने के बारे में नहीं सोच रही है। उनके अनुसार कुछ रद्द उड़ानें पूर्व नियोजित होती हैं, जबकि कुछ तकनीकी खराबी, मौसम या बर्ड हिट जैसी वजहों से अचानक रद्द हो जाती हैं। वहीं, इंडिगो ने दावा किया है कि वह रोजाना 2,050 उड़ानें संचालित कर रही है और उसकी ऑन-टाइम परफॉर्मेंस सामान्य है।
हालांकि, पुणे एयरपोर्ट के निदेशक संतोष ढोके ने कहा कि उन्हें अब तक एयरलाइन के संशोधित शेड्यूल की जानकारी नहीं मिली है। कुल मिलाकर, यात्रियों की मांग है कि उन्हें समय रहते स्पष्ट और भरोसेमंद जानकारी मिले, ताकि वे बिना तनाव के अपनी यात्रा की योजना बना सकें।