दिल्ली NCR में प्रदूषण गंभीर, AQI 400 पार, सांसों पर संकट, GRAP-4 लागू

Thu 18-Dec-2025,07:59 PM IST +05:30

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दिल्ली NCR में प्रदूषण गंभीर, AQI 400 पार, सांसों पर संकट, GRAP-4 लागू
  • दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंचा, कई इलाकों में AQI 400 पार, हालात बिगड़ने पर GRAP-4 लागू किया गया।

  • विशेषज्ञों ने पराली, वाहनों के धुएं और मौसम को जिम्मेदार ठहराया, लोगों को घर में रहने और सावधानी बरतने की सलाह।

Delhi / New Delhi :

दिल्ली/ दिल्ली–एनसीआर में वायु प्रदूषण एक बार फिर गंभीर स्तर पर पहुंच गया है। कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार दर्ज किया गया, जिससे लोगों को सांस लेने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालात की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली में GRAP-4 (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान का चौथा चरण) लागू कर दिया गया है।

प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर का सबसे ज्यादा असर बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और सांस के मरीजों पर देखा जा रहा है। अस्पतालों में खांसी, आंखों में जलन, सांस फूलने और अस्थमा से जुड़ी शिकायतों के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। डॉक्टरों ने लोगों को बिना जरूरत घर से बाहर न निकलने और मास्क के इस्तेमाल की सलाह दी है।

GRAP-4 लागू होने के बाद राजधानी में निर्माण कार्य, डीजल जनरेटर का उपयोग, गैर-जरूरी औद्योगिक गतिविधियां और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर सख्त पाबंदियां लगा दी गई हैं। इसके साथ ही BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल वाहनों की आवाजाही पर भी रोक बढ़ा दी गई है। सरकारी एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं कि नियमों के उल्लंघन पर तत्काल कार्रवाई की जाए।

विशेषज्ञों के अनुसार, प्रदूषण के इस स्तर के पीछे कम हवा की गति, पराली जलाने का असर, वाहनों का धुआं और निर्माण कार्य से उठने वाली धूल प्रमुख कारण हैं। मौसम विभाग का कहना है कि जब तक तेज हवाएं नहीं चलतीं या बारिश नहीं होती, तब तक हालात में सुधार की उम्मीद कम है।

दिल्ली सरकार और संबंधित एजेंसियां हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाओं पर विचार किया जा रहा है, जबकि कार्यालयों को वर्क फ्रॉम होम अपनाने की सलाह दी गई है। प्रदूषण नियंत्रण के लिए पानी का छिड़काव, सड़क सफाई और ट्रैफिक प्रबंधन को भी तेज किया गया है।

कुल मिलाकर, दिल्ली–एनसीआर इस समय स्वास्थ्य आपात स्थिति के कगार पर खड़ा है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक दीर्घकालिक समाधान नहीं अपनाए जाते, तब तक हर सर्दी में राजधानी को इसी तरह के प्रदूषण संकट का सामना करना पड़ेगा।