शामली–गोरखपुर एक्सप्रेसवे DPR पूरी: 22 जिलों को विकास और बेहतर कनेक्टिविटी

Mon 29-Dec-2025,01:03 AM IST +05:30

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शामली–गोरखपुर एक्सप्रेसवे DPR पूरी: 22 जिलों को विकास और बेहतर कनेक्टिविटी Shamli-Gorakhpur-Expressway
  • शामली–गोरखपुर एक्सप्रेसवे की डीपीआर तैयार.

  • 22 जिलों को मिलेगा विकास और रोजगार का लाभ.

  • पांच एक्सप्रेसवे से जुड़कर बढ़ेगी कनेक्टिविटी.

Uttar Pradesh / Gorakhpur :

Gorakhpur / उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे को नई दिशा देने वाली शामली–गोरखपुर एक्सप्रेसवे परियोजना एक अहम पड़ाव पर पहुंच गई है। इस महत्वाकांक्षी ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली गई है। इसके साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली से लेकर पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर तक सीधी और तेज सड़क कनेक्टिविटी का रास्ता साफ हो गया है। यह परियोजना न केवल यातायात व्यवस्था को आसान बनाएगी, बल्कि प्रदेश के 22 जिलों के आर्थिक, सामाजिक और औद्योगिक विकास को भी गति देगी।

प्रस्तावित एक्सप्रेसवे की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह उत्तर प्रदेश के पूर्व और पश्चिम को एक मजबूत सड़क नेटवर्क से जोड़ेगा। वर्तमान में इन दोनों क्षेत्रों के बीच यात्रा में काफी समय और संसाधन लगते हैं। एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद लंबी दूरी की यात्रा सुगम होगी और लोगों को बड़े शहरों तक पहुंचने में कम समय लगेगा। साथ ही मालवाहक वाहनों की आवाजाही भी तेज होगी, जिससे व्यापार और उद्योग को सीधा लाभ मिलेगा।

यह एक्सप्रेसवे प्रदेश के 22 जिलों से होकर गुजरेगा। मार्ग के आसपास के जिलों में नए औद्योगिक क्षेत्र, वेयरहाउस, लॉजिस्टिक हब और सर्विस एरिया विकसित होने की संभावना है। इससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। निर्माण कार्य के दौरान भी बड़ी संख्या में श्रमिकों और तकनीकी कर्मचारियों को काम मिलेगा, जिससे ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों की अर्थव्यवस्था को सहारा मिलेगा।

परियोजना का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि शामली–गोरखपुर एक्सप्रेसवे को प्रदेश के पांच प्रमुख एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। इससे पूरे उत्तर प्रदेश का सड़क नेटवर्क आपस में जुड़कर और अधिक मजबूत हो जाएगा। अलग-अलग दिशाओं में जाने वाले वाहन बिना शहरों के अंदर घुसे, सीधे एक्सप्रेसवे नेटवर्क के जरिए अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे। इससे न केवल ट्रैफिक का दबाव कम होगा, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं की संभावना भी घटेगी।

कृषि क्षेत्र के लिए भी यह एक्सप्रेसवे बेहद लाभकारी साबित हो सकता है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसान अपने कृषि उत्पादों को पश्चिमी यूपी और अन्य राज्यों के बड़े बाजारों तक तेजी से पहुंचा सकेंगे। फल, सब्जी, अनाज और दुग्ध उत्पाद जैसी जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं की ढुलाई आसान होगी, जिससे किसानों को बेहतर दाम मिलने की उम्मीद है। इसके साथ ही कृषि आधारित उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।

सरकार का मानना है कि यह परियोजना क्षेत्रीय असंतुलन को कम करने में मदद करेगी। पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास में लंबे समय से अंतर देखा जाता रहा है। इस एक्सप्रेसवे के जरिए निवेशकों का रुझान उन इलाकों की ओर भी बढ़ेगा, जहां अब तक औद्योगिक विकास सीमित रहा है। बेहतर सड़क कनेक्टिविटी के चलते नए उद्योग, शैक्षणिक संस्थान और स्वास्थ्य सुविधाएं भी विकसित हो सकती हैं।

डीपीआर तैयार होने के बाद अब अगला चरण भूमि अधिग्रहण, पर्यावरणीय स्वीकृति और निर्माण प्रक्रिया से जुड़ा होगा। प्रशासन का प्रयास है कि सभी औपचारिकताओं को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए, ताकि परियोजना में अनावश्यक देरी न हो। यदि सब कुछ योजना के अनुसार चलता है, तो आने वाले कुछ वर्षों में यह एक्सप्रेसवे प्रदेश को एक नई रफ्तार देगा।

कुल मिलाकर, शामली–गोरखपुर एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के विकास मानचित्र पर एक नई और मजबूत रेखा खींचने वाला प्रोजेक्ट साबित हो सकता है। यह न सिर्फ दूरी को कम करेगा, बल्कि अवसरों को भी करीब लाएगा। सड़क, व्यापार, रोजगार और क्षेत्रीय संतुलन हर दृष्टि से यह परियोजना प्रदेश के भविष्य के लिए बेहद अहम मानी जा रही है।