रायगढ़ तमनार हिंसा: कोयला खनन प्रोजेक्ट के विरोध में बवाल, 8 पुलिसकर्मी घायल

Sun 28-Dec-2025,06:51 PM IST +05:30

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रायगढ़ तमनार हिंसा: कोयला खनन प्रोजेक्ट के विरोध में बवाल, 8 पुलिसकर्मी घायल Raigarh,-Tamnar-Hinsa
  • रायगढ़ के तमनार में कोयला खनन प्रोजेक्ट के विरोध में हिंसा.

  • पुलिस वाहनों में आगजनी, 8 पुलिसकर्मी घायल.

  • प्रशासन ने इलाके में सुरक्षा बढ़ाई, बातचीत की कोशिश जारी.

Chhattisgarh / Raigarh :

Raigarh / छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के तमनार इलाके में एक कोयला खनन परियोजना के विरोध में चल रहा शांतिपूर्ण आंदोलन अचानक हिंसक रूप ले बैठा, जिससे पूरे क्षेत्र में तनाव फैल गया। यह विरोध जिंदल पावर लिमिटेड के गारे पेल्मा सेक्टर-I कोल ब्लॉक से जुड़े कोयला हैंडलिंग प्लांट (CHP) को लेकर किया जा रहा था। ग्रामीणों का आरोप है कि इस परियोजना के लिए 8 दिसंबर को धौराभाठा में हुई पब्लिक हियरिंग नियमों का उल्लंघन कर कराई गई, इसलिए इसे रद्द किया जाना चाहिए।

जानकारी के मुताबिक, 12 दिसंबर से ही 14 प्रभावित गांवों के ग्रामीण लिब्रा गांव स्थित CHP चौक पर धरना और चक्काजाम कर रहे थे। 27 दिसंबर को जब पुलिस ने सड़क खाली कराने की कोशिश की, तभी स्थिति बिगड़ गई। प्रदर्शनकारियों के बीच से कुछ असामाजिक तत्वों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिसके बाद माहौल पूरी तरह तनावपूर्ण हो गया। देखते ही देखते भीड़ हिंसक हो गई और पुलिस प्रशासन की कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया।

हिंसा के दौरान जिंदल पावर लिमिटेड के कोल हैंडलिंग प्लांट पर भी हमला किया गया। भीड़ ने एक कन्वेयर बेल्ट, दो ट्रैक्टर और वहां खड़ी कई अन्य गाड़ियों में आग लगा दी। ऑफिस परिसर में तोड़फोड़ की गई और पुलिस की एक बस, एक जीप और एक एम्बुलेंस को भी जला दिया गया। कई सरकारी वाहनों को नुकसान पहुंचा, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।

पुलिस के अनुसार, इस हिंसा में एक एसडीपीओ अनिल विश्वकर्मा, एक स्थानीय थाना प्रभारी (SHO) और एक कांस्टेबल समेत कुल आठ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। घायलों में से कुछ को इलाज के लिए रायगढ़ जिला अस्पताल भेजा गया है। हालात बिगड़ते देख पुलिस को अपनी सुरक्षा के लिए पीछे हटना पड़ा।

रायगढ़ कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने बताया कि भीड़ को भड़काने में कुछ असामाजिक तत्वों की भूमिका रही, जिनकी वजह से पत्थरबाजी और आगजनी की घटनाएं हुईं। उन्होंने कहा कि पुलिस को जवाबी कार्रवाई का आदेश नहीं था, इसलिए स्थिति को संभालने के लिए बातचीत के जरिए समाधान निकालने की कोशिश की गई। हालांकि, बातचीत के प्रयासों के दौरान भी भीड़ आक्रामक हो गई और पुलिस टीम का पीछा किया गया।

प्रशासन का कहना है कि फिलहाल ऐसे लोगों की पहचान की जा रही है, जिनके माध्यम से आंदोलन कर रहे ग्रामीणों से संवाद स्थापित किया जा सके। वहीं, ग्रामीणों की साफ मांग है कि कोयला खनन परियोजना को पूरी तरह रद्द किया जाए, क्योंकि इससे उनकी जमीन, जंगल और आजीविका पर खतरा है।

इस घटना के बाद प्रदेश की राजनीति भी गर्मा गई है। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सरकार पूंजीपतियों के हित में जनता के संवैधानिक अधिकारों को कुचल रही है। उन्होंने दावा किया कि ग्रामीण लंबे समय से शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे थे, लेकिन प्रशासन की कार्रवाई के बाद हालात बिगड़े।

फिलहाल तमनार इलाके में पुलिस बल तैनात है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है। प्रशासन का कहना है कि शांति बहाल करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि हालात दोबारा सामान्य हो सकें।