अफगानिस्तान से व्यापार बंद होते ही पाकिस्तान में फलों-सब्ज़ियों के दाम बेकाबू

Mon 24-Nov-2025,05:43 PM IST +05:30

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अफगानिस्तान से व्यापार बंद होते ही पाकिस्तान में फलों-सब्ज़ियों के दाम बेकाबू
  • अफगानिस्तान से व्यापार बंद होने पर पाकिस्तान में सब्ज़ियों-फलों की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचीं।
     

  • पोल्ट्री निर्यात रुकने से देश में चिकन की अधिकता, कीमतों में भारी गिरावट दर्ज।
     

  • मांग और आपूर्ति के असंतुलन से पंजाब और KPK के उपभोक्ताओं पर बढ़ा महंगाई का बोझ।

Islamabad Capital Territory / Islamabad :

इस्लामाबाद / पाकिस्तान में अफगानिस्तान के साथ व्यापार निलंबित होने के बाद पंजाब और ख़ैबर पख्तूनख्वा (KPK) प्रांतों में रोज़मर्रा के उपयोग वाली खाद्य वस्तुओं के दामों में भारी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। खासकर फलों और सब्ज़ियों के दाम आसमान छू रहे हैं, जबकि पोल्ट्री के दाम ऐतिहासिक रूप से गिर चुके हैं। व्यापार रुकने के बाद बाज़ार की सप्लाई चेन अव्यवस्थित हो गई है, जिससे उपभोक्ताओं पर सीधा असर पड़ा है। रविवार को पोल्ट्री होलसेलर्स एसोसिएशन के प्रमुख अब्दुल बसीत ने बताया कि यह उतार-चढ़ाव पूरी तरह से मांग और आपूर्ति के बीच बढ़ती खाई का परिणाम है। पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच रोज़ाना बड़ी मात्रा में ताज़ा खाद्य उत्पादों का आदान-प्रदान होता था, जिसमें चिकन, फल और सब्ज़ियां शामिल थीं। लेकिन हालिया व्यापार निलंबन के बाद आपूर्ति अचानक बाधित हो गई है, जिससे फलों और सब्ज़ियों के दाम दोगुने से भी अधिक हो गए हैं।

फलों और सब्ज़ियों के दामों में अप्रत्याशित वृद्धि

अफ़ग़ानिस्तान पाकिस्तान के लिए टमाटर, प्याज़, अंगूर, सेब और अनार जैसे उत्पादों का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। व्यापार रुकते ही इन वस्तुओं की उपलब्धता कम हो गई, जिससे थोक और खुदरा बाज़ारों में दाम बढ़ गए। टमाटर और प्याज़ जैसे बुनियादी रसोई उत्पादों की कीमतें 40%–70% तक उछल गई हैं। साथ ही, फलों की कीमतों में भी 30–50% तक की बढ़ोतरी देखने को मिली है। रोज़मर्रा की खपत वाले फलों की कमी ने आम उपभोक्ताओं की जेब पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है।

पोल्ट्री मार्केट में कीमतों का धराशायी होना

दिलचस्प बात यह है कि जहां सब्ज़ियां और फल महंगे हुए, वहीं पोल्ट्री के दाम लगातार गिर रहे हैं। अब्दुल बसीत का कहना है कि अफ़ग़ानिस्तान को बड़ी मात्रा में चिकन का निर्यात किया जाता था। लेकिन व्यापार बंद होने के बाद यह उत्पाद पाकिस्तान के भीतर ही रह गया, जिससे अधिकता होने के कारण कीमतें गिर गईं। पोल्ट्री किसानों को भारी घाटा हो रहा है क्योंकि लागत बढ़ती जा रही है लेकिन बिक्री मूल्य कम हो रहा है।

उपभोक्ताओं और व्यापारियों पर दोहरा असर

व्यापार निलंबन ने जहां उपभोक्ताओं को महंगाई से परेशान कर दिया है, वहीं किसानों और पोल्ट्री व्यवसायियों को आर्थिक संकट में डाल दिया है। सब्ज़ियों और फलों के बेचने वालों को कम सप्लाई की वजह से स्टॉक कम मिल रहा है, जबकि पोल्ट्री विक्रेताओं के पास अधिक उत्पादन मौजूद है पर उसकी मांग घट चुकी है।

सीमा व्यापार बंद होने का व्यापक प्रभाव

विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान की खाद्य आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा अफ़ग़ानिस्तान के साथ सीमा व्यापार पर निर्भर करता है। जैसे ही यह व्यापार रुका, पाकिस्तानी बाज़ार में असंतुलन पैदा हो गया। यह स्थिति तब तक सामान्य होने की उम्मीद नहीं है, जब तक दोनों देशों के बीच व्यापार दोबारा शुरू नहीं होता।

सरकार की चुप्पी बनी चिंता

पाकिस्तान सरकार की तरफ़ से स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कोई बड़े कदम की घोषणा नहीं की गई है। आम लोग महंगाई से परेशान हैं और व्यापारी नुकसान झेल रहे हैं।